Exclusive: पाकिस्तान को युद्ध लड़ने पर फंड मिलता आया है और मिलेगाः इमरान खान की Ex-Wife रेहाम खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहाम खान ने न्यूज नेशन से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

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Deepak Pandey
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Exclusive: पाकिस्तान को युद्ध लड़ने पर फंड मिलता आया है और मिलेगाः इमरान खान की Ex-Wife रेहाम खान

न्यूज नेशन पर एंकर पीनाज से बातचीत करती रेहान खान

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पूर्व पत्नी रेहाम खान (Reham Khan) ने न्यूज नेशन से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान सरकार को लेकर कई राज खोले. उन्होंने कहा, इस वक्त भारत और पाकिस्तान आर्थिक रूप से युद्ध की स्थिति में नहीं है. पाकिस्तान को भले ही अपने के लिए फंड नहीं मिलता हो लेकिन अगर वह युद्ध लड़ेगा तो उसे किसी दूसरे देश फाइनेंस जरूर मिलेगी.

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सवालः पीनाज ने पूछा, इतने खराब आर्थिक हालात के बाद भी क्या पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है?

जवाबः रेहाम खान ने पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में कहा, मैंने हमेशा कोशिश की है कि मैं हमेशा सच बात करूं, और इस बात का कभी मैंने ख्याल नहीं किया कि जब मैं ह्यूमन राइट्स की बात करती हूं, धर्म का ख्याल करूं या सिर्फ पाकिस्तानियों की बात करूं. पिछले एक साल से पाकिस्तान में इमरान खान की हुकूमत पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनका रवैया भारत की मोदी सरकार के प्रति बहुत ही नरम रहा है. इस बात पर उनको बार-बार कहा जा रहा है कि आप एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं. पाकिस्तान की जो स्थिति वो तो है ही, लेकिन इस वक्त भारत की जो स्थिति है वह युद्ध या वार का इश्यू नहीं है. इससे वो बहुत ज्यादा मसाइल बन जाएंगे कि हम युद्ध की ओर जा रहे हैं या पाकिस्तान की ओर जा रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान और इमरान खान की सरकार और उनके मंत्रियों पर इस बात का बहुत ज्यादा दबाव है कि वो युद्ध या युद्ध की बात न करें. ऐसी बातें करके आप जंग की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि बुजदिली की बात कर रहे हैं. पाकिस्तान सरकार और इमरान को बैगरत कहते हुए कहा है कि मोदी सरकार आपको लिफ्ट नहीं दे रही है आपसे बात भी नहीं कर रही है तब भी आप लाइन में खड़े नजर आ रहे हैं.

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सवालः पीनाज ने पूछा- दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों में मोदी की जो पैठ है क्या लगता है कि इमरान खान उसके आगे अलग-थलग पड़े गए हो. क्यों आपको ऐसा लग रहा है.

जवाबः रेहाम ने कहा, देखिए मुझे चाहे इमरान खान हो या कोई भी हो कभी क्रिटिसाइज करने में डर नहीं लगा है पिछले एक साल से जिस तरह से इमरान दोस्ती और शांति की बातें करते रहे, लेकिन मैं इससे बिलकुल सहमत नहीं हूं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि डिप्लोमेसी का मतलब यह नहीं है कि आप किसी के सामने डोरमैट बन जाएं. आपको अपनी थोड़ी सी रिस्पेक्ट मेंटेन करनी चाहिए.

सवालः पीनाज ने पूछा, जिस तरह से पाकिस्तानी मिनिस्टर्स के बयान आ रहे हैं, जिसमें एक के बाद एक मंत्री कहते हैं कि पाकिस्तान अक्टूबर और नवंबर में जंग करेगा और आज एक और बयान आया है जिसमें कहा गया है कि जनरल बाजवा की अगुवाई में हम अंत तक जंग लड़ेंगे. यानि वो मंत्री इमरान को अपना वजीर ए आजम नहीं मानते हैं वो तो बाजवा साहब की अगुवाई में जंग लड़ना चाहते हैं. तो क्या पाकिस्तान तख्तापलट की ओर बढ़ रहा है ऐसा आपको लगता है?. क्योंकि आप पहले भी कह चुकी हैं कि इमरान खान सेना के हाथ की कठपुतली भर हैं?.

जवाबः रेहाम खान ने कहा, देखिए इसमें कोई शक की बात नहीं है कि हमारे यहां जो मिलिट्री का रोल रहा है वो हमेशा नुमाया रहा है. लेकिन इमरान को हमने इसलिए क्रिटिसाइज किया कि उन्होंने एक कठपुतली का रोल जो निभाया है. ऐसा रोल कभी किसी ने नहीं निभाया और हम जानते थे कि अगर आप किसी के हाथ की कठपुतली बनेंगे तो आपको ही इस्तेमाल किया जाएगा और जबतक आप काम के रहेंगे तब तक आपका यूज किया जाएगा और जब आप का काम खत्म हो जाएगा तब आप टिशू पेपर की तरह से फेंक भी दिए जाएंगे. अब सबसे खतरनाक बात ये है कि अब चाहे इमरान रहे या फिर कोई और आ जाए वो सिर्फ कठपुतली के ही रोल में रहेगा और इसकी एक जो स्ट्रैटेजी मिलट्री ने खेली है वो बड़े सालों से खेल रहे हैं, वो ये है कि हमारे जितने भी सियासतदान हैं जब वो जरदारी की बात करते हो जब वो नवाज शरीफ की बात करते हों तो उन्होंने ये प्रोपोगेंडा फैलाया हुआ है कि हर सियासत दान करप्ट है.

रेहम खान ने नवंबर और दिसंबर में युद्ध को लेकर आगे कहा, आप जिस मंत्री की बात कर रहे वो हमेशा फिजूल की बात करते हैं. उनकी बातें फॉलो करने लायक नहीं है, लेकिन नवंबर और दिसंबर की बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब भी वार होता है खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच तो इसका फायदा पॉलिटिशियन को ही होता है.

सवालः पीनाज ने पूछा, पीएम इमरान खान मोदी के कदमों में बिछ गए हैं. अगर देखा जाए तो उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की है और यहीं सबसे बड़ी वजह रही है.

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जवाबः रेहाम खान ने कहा, ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं. आप ये कह सकते हैं, लेकिन मैं मिलिट्रन सी के उसूलों के खिलाफ हूं. मैंने कहा कि मिलिट्रन सी आप अपना कोई जवान न छोड़े, ताकि आप से कोई सवाल कर सके. पाकिस्तान की ओर से जो स्टेप लिए गए हैं, ये थोड़े से बेहतर हो सकते हैं, लेकिन मोदी सरकार की ओर से कोई हौसला अफजाई नहीं आई. ये जो स्टेप लिए गए थे वो हमारी जरूरत थी. वो इंडियन सरकार को खुश करने के लिए नहीं लिए गए हैं. ये स्टेप आईएनएफ के लिए लेना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आईएनएफ का पैकेज बंद हो जाता है. मैं मानता हूं कि पाकिस्तान की ओर से जो स्टेप लिए गए थे वे सही थे.

सवालः पीनाज ने पूछा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत को हर देश का साथ मिला. क्या समझे हैं कि पीएम इमरान खान पीएम मोदी के सामने बेहतर कमजोर साबित हुए हैं.

जवाबः रेहान खान ने कहा, पाकिस्तान का जो मसला है इमरान खान की जो वीक फुटिंग है उसमें तो कोई सवाल ही नहीं है. हम तो बार-बार कह रहे हैं कि मोदी जो लगातार 12-13 विदेशों को दौरा कर रहे हैं वह इमरान खान को करना चाहिए. उन्हें पिछले साल से ही करना चाहिए था. ये इमरान खान का डिप्लोमेसी असफलता है. हम उनकी गलती के बारे में बोलते रहते हैं.

सवालः पीनाज ने पूछा, क्या आपको लगता है कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान युद्ध की ओर बढ़ रहा है.

जवाबः रेहाम खान ने कहा, मैं समझती हूं कि वार से सिर्फ गरीब तबका व्यक्ति मरता है और जो उच्च पदों पर बैठे हैं उनकी पोजिशन पक्की होती है. मैं युद्ध के खिलाफ हूं, लेकिन पाकिस्तान आवाम का पाक हुकूमत पर बुहत ज्यादा दबाव है कि आप कश्मीर मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहे हैं. मुझे लगता है कि नवंबर और दिसंबर में दोनों देशों के एक समुदाय की जरूरत बन जाएगी किया यहां पर जंग हो और मैं उस दिन बहुत खबराई हुई हूं.

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सवालः पीनाज ने पूछा, जिसका आवाम भूखे मर रहा हो और जो दूसरे देशों में जाकर कह रहा है कि मैं कंगाल हूं मुझे पैसे चाहिए. क्या वह देश युद्ध कर सकता है?.

जवाबः रेहाम खान ने कहा, इस वक्त इंडिया और पाक आर्थिक रूप से जंग करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि इंडिया को दुनिया में आगे बढ़ना है, इसलिए वार सही नहीं है. पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, लेकिन पाकिस्तान जब भी वार के लिए इस्तेमाल हुआ तो उसे फंड मिले हैं और अमेरिका से ही ये फंड आए हैं. ये मैं बहुत विश्वास से कह रहा हूं कि अगर पाकिस्तान जंग में जा रहा तो वह किसी के इशारे पर और उसे फाइनेंस जरूर मिलेगी. युद्ध किसी को भी फतेह नहीं दिलाता है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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