भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर बनाने के लिए शिलान्यास के बाद अब पीओके में शारदा पीठ के लिए भी कॉरिडोर की मांग तेज हो गई है. कश्मीरी पंडितों की मांग है कि सरकार उनके सबसे अहम तीर्थस्थल शारदा पीठ तक जाने के लिए कॉरिडोर बनवाने की पहल करें. पाकिस्तान मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने शारदा पीठ कॉरिडोर को हरी झंडी दे दी है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, शारदा पीठ कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बैठकों में भारत ने कई बार यह अनुरोध किया था. यह प्रस्ताव लोगों की इच्छाओं और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था.
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बता दें कि शारदा पीठ पीओके के शारदा गांव में स्थित एक प्राचीन हिदू मंदिर है. कश्मीरी पंडित शारदा पीठ को एक महत्वपूर्ण स्थल मानते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यहां भगवान शिव का निवास है. नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित शारदा पीठ एक परित्यक्त मंदिर है, जो पीओके के शारदा गांव में नीलम घाटी में स्थित है. भारत के विभाजन के बाद यह पवित्र स्थल भारतीय सीमा के दूसरी तरफ चला गया था और भारतीय तीर्थयात्रियों के पहुंच से दूर होता चला गया था. आजादी से पहले वे वहां जाते रहते थे.
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इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शारदा पीठ तक करतारपुर कॉरिडोर की तरह ही एक कॉरिडोर विकसित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल होने के अलावा, शारदा पीठ जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से ज्ञान और सीखने का गढ़ रहा है. उन्होंने कहा था, 'करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत को कश्मीरी पंडित समुदाय शारदा पीठ तक तीर्थाटन करने की संभावना के तौर पर देख रहे हैं.'
Source : News Nation Bureau