सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि करतारपुर साहिब कोरिडोर मामले को अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए तथा इसे किसी और चीज से नहीं जोड़ना चाहिए. उनका यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरिडोर की नींव रखे जाने के कार्यक्रम के दौरान भारत के साथ बेहतर संबंधों का आह्वान किया. रावत ने पत्रकारों से कहा, 'हर कोई कहता है कि शांति को एक मौका दो, कुछ तो होना चाहिए. हमारी सरकार ने आज क्या कहा है. हमारी सरकार ने कहा कि इसे (करतारपुर साहिब कोरिडोर) अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए.'
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के भारत वाले हिस्से में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है. हमें इसको भी लोगों के सामने रखना चाहिए क्योंकि इसका PoK पर कट्टरपंथी असर पड़ता है. पाकिस्तान वाले हिस्से में मुद्दा यह है कि वहां जनसांख्यिकी को पूरी तरह से बदल दिया गया है.'
रावत ने आगे कहा, 'पाकिस्तान ने काफी चालाकी से तथाकथित Pok और गिलगित बाल्टिस्तान की जनसांख्यिकी बदल दी है इससे हर कोई असमंजस में है कि असल कशमीरी कौन है और वहां के मुद्दों के लेकर किससे बात करनी होगी.'
सेना प्रमुख ने कहा, 'गिलगीत-बलतिस्तान के लोगों पर भी पाकिस्तान होती जा रही है. तो कहने का मतलब है कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर और पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर के लोगों की पहचान बड़ी चालाकी से ख़त्म कर दी गई है. यह एक ऐसा मुद्दा हे जिसपर हमें देखना होगा.'
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गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के मौके पर पाकिस्तान अपने नापाक इरादे जाहिर करने से नहीं चूका. समारोह में शामिल होने के लिए एनडीए के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को वहां पहुंचे. इस दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला से मिलते दिखे.
चावला को आतंकवादी हाफिज सईद का करीबी भी माना जाता है. चावला जनरल कमर जावेद बाजवा से हाथ मिलाता हुआ दिखाई दिया. इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियां करने वाले को समर्थन देने के उसके नजरिए में कोई फर्क नहीं आया है. कॉरिडोर के शिलान्यास से दोनों देशों के बीच सद्भाव का एक माहौल बना है लेकिन खालिस्तान समर्थक चावला को सामने लाकर उसने जताया कि वह भारत के खिलाफ अपनी विभाजनकारी नीतियों को आगे बढ़ाता रहेगा.
इससे पहले, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हैदराबाद में कहा कि जब तक पाकिस्तान, भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोकता तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि करतारपुर कोरिडोर पहल पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया से जुड़ी हुई नहीं थी.
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यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को जोड़ेगा. इस गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे. माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी.
Source : News Nation Bureau