जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35 ए के समाप्त होने के बाद बौखलाया पाकिस्तान अभी तक होश में नहीं आ पाया है. वह लगातार कोई न कोई हरकत कर अपनी बेइज्जती कराने पर तुला है. पाकिस्तान को लगातार भारत के हमले का डर सता रहा है, इसलिए बैठकों का दौर भी चल रहा है. पाकिस्तान लगातार दूसरे देशों के भी सम्पर्क में है, लेकिन कोई भी उसके साथ खड़ा होने के लिए तैयार नहीं. अब पाकिस्तान के आला अधिकारियों ने हाई प्रोफाइल बैठक की, इसमें हालात का जायजा और चर्चा की गई. बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर शामिल हुए. इसके बाद दोनों ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस भी की.
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कश्मीर से धारा 370 और 35 ए के हटाए जाने के बाद से लगातार भारत और पाकिस्तान के ताल्लुकात इस वक्त खराब दौर से गुजर रहे हैं. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान इसकदर बौखलाया हुआ है कि वह पूरी दुनिया से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन अभी तक एक दो देशों को छोड़कर कोई उसका साथ देने के लिए तैयार नहीं. यहां तक कि चीन और अमेरिका तक उसके साथ देने के लिए राजी नहीं हुए. बड़ी बात यह भी है कि पाकिस्तान को लगातार यह भी डर सता रहा है कि भारत उस पर हमला न कर दे.
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हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तक इस बात की आशंका जता चुके हैं कि भारत बालाकोट से बड़ा हमला कर सकता है. इससे पाकिस्तान का डर साफ तौर पर देखा जा सकता है. इस बीच शनिवार को पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक भी हुई. बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें पाक सेना प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए भारत पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. गफूर ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इसी के मद्देनजर नियंत्रण रेखा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं.
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उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को वैश्विक स्तर पर लाने के लिए सभी दूतावासों में कश्मीरी नागरिकों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर मुद्दे को बहुत ऊपर तक उठाया है, जो पाकिस्तान की बड़ी सफलता है. उन्होंने कहा कि यूएनएससी में यह मामला पांच दशकों बाद उठाया गया और इस पर चर्चा हुई जो कि अच्छा कदम है. खासकर तब जब भारत ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि इसे किस तरह आगे बढ़ाया जाए.मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया है. हम मानते हैं कि पारंपरिक युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है. लेकिन जिस तरह से भारत आगे बढ़ रहा है, तो हम भी विकल्प को नजरअंदाज नहीं कर सकते. मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि कश्मीर एक न्यूक्लियर प्वॉइंट है. दुनिया को भारत के रक्षा मंत्री की ओर से परमाणु हथियार के प्रयोग वाले बयान पर गौर करने की जरूरत है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो