जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑलआउट से पाकिस्तान (Pakistan) और उसकी खुफिया संस्था इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) के पाले हुए आतंकी 70 हूरों से मुलाकात करने लगातार जन्नत पहुंच रहे हैं. ऐसे में जन्नत में हूरों की कमी से परेशान पाकिस्तान ने भारत (India) को दहलाने के लिए नई साजिशों पर काम करना शुरू कर दिया है. घाटी में गैर मुस्लिमों पर हाइब्रिड आतंकी हमला इसी की एक कड़ी है. इस तरह पाकिस्तान दो दशक पहले की स्थिति सूबे में लाना चाहता है, तो सांप्रदायिक सद्भाव भी बिगाड़ना उसकी नापाक मंशा में है. खुफिया सूत्रों से पता चला है कि सितंबर में हुई एक बेहद अहम बैठक में पाकिस्तान के हुक्मरानों ने आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के हुक्म सुनाया है. पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में हुई इस बैठक में आतंकियों से टार्गेट किलिंग पर जोर देने को कहा है. यानी हिंदू नेताओं समेत समाज के प्रभावशाली लोगों की हत्या.
बैठक के इनपुट पर भारत में जारी अलर्ट
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 21 सितंबर को आईएसआई अफसरों और आतंकी संगठनों के बीच यह गोपनीय बैठक हुई. इस बैठक को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने देश भर में अलर्ट भी जारी कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जम्मू कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी हमले करने की साजिश रची गई है. खासकर कश्मीर में टार्गेट किलिंग की वारदातें बढ़ाने को कहा गया है. बताते हैं कि इसके लिए आईएसआई और पाकिस्तान नए नामों से आतंकवादी संगठन तैयार कर रहा है. यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित संगठनों और बड़े आतंकी संगठनों का नाम नहीं आने पाए, इसके लिए ये नए संगठन हमलों की जिम्मेदारी लेकर जांच एजेंसियों को गुमराह करेंगे.
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टार्गेट किलिंग के लिए आईएसआई ने बनाई लिस्ट
टार्गेट किलिंग के लिए पुलिस के खबरियों, सुरक्षा बलों के साथ काम करने वालों, खुफिया विभागों में काम करने वाले कश्मीरियों की हत्या की जानी हैं. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरी लोगों, भाजपा-संघ से जुड़े लोगों को लक्षित कर आतंकी साजिश अंजाम दी जाएगी. बताते हैं कि आईएसआई ने टार्गेट किलिंग के लिए 200 लोगों के नाम तय कतरते हुए एक हिट-लिस्ट भी आतंकियों को सौंप दी है. इनकी हत्या से सनसनी फैलाई जाएगी. कश्मीरी पंडितों को मार कर मोदी सरकार की कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की योजना पर पानी फेरा जाएगा. यूरोप की तर्ज पर इन आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ऐसे आतंकियों का इस्तेमाल किया जाएगा जो फिलहाल सुरक्षा बलों की नजर में नहीं हैं. एक तरह से आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में हाइब्रिड आतंकी हमलों का जोर बढ़ सकता है.
HIGHLIGHTS
- घाटी के हिंदू नेता, सरकार के लिए काम करने वाले निशाने पर
- आईएसआई ने आतंकियों को सौंपी 200 नामों की हिट लिस्ट
- भारतीय खुफिया एजेंसियों ने देश भर में जारी किया अलर्ट