जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है. पाकिस्तान की बेचैनी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने कहा है कि वह इस मामले को पूरी दुनिया के सामने उठाएगा. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को विदेश मंत्रालय में जम्मू एवं कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की पांचवीं बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारतीय कार्रवाई पर सवाल उठाया.
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "भारत की युद्ध मनोदशा चिंताजनक है. उन्होंने (भारत ने) दस हजार और सैनिक कश्मीर में भेजे हैं. वे मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं. पाकिस्तान इस मुद्दे को पूरी दुनिया के सामने उठाएगा. भारत वार्ता के लिए तैयार नहीं है और न ही किसी और की मध्यस्थता के लिए तैयार है. यह एक विचित्र स्थिति है."
उन्होंने कहा कि भारत, कश्मीर की संवैधानिक स्थिति को बदलना चाहता है और पाकिस्तान ऐसा होने नहीं देगा. हम पूरी दुनिया में विदेश मामलों की संसदीय समितियों के समक्ष कश्मीर मुद्दा उठाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन से भारत के शत्रुतापूर्ण रवैये का खुला सबूत मिलता है जो क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है."
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उन्होंने कहा कि कश्मीर मामले में पूरे देश और संसद का रुख एक समान है. इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की पांचवीं बैठक में शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान के अमेरिका दौरे की जानकारी दी. उन्होंने समिति के सदस्यों को बताया कि प्रधानमंत्री ने वहां कश्मीर के मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाया 'जिसमें कश्मीर में बहुत बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला भी शामिल था.'