पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर से भारतीय वस्तुओं के अफगानिस्तान भेजे जाने की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि ट्रांजिट ट्रेड (पारगमन व्यापार) द्विपक्षीय मसला है न कि त्रिपक्षीय. द न्यूज की गुरुवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा, "हमने अफगानिस्तान को वाघा बॉर्डर से व्यापार पहुंच नहीं बनाने को कहा है और वे इसके लिए राजी हो गए हैं, क्योंकि ट्रांजिट व्यापार द्विपक्षीय मसला है और यह किसी भी तरह से त्रिपक्षीय मसला नहीं हो सकता है."
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के पाकिस्तान दौरे के बाद परस्पर विभिन्न समूह के बीच हुए प्रस्तावों के आदान-प्रदान को लेकर अफगान ट्रांजिट ट्रेड (एटीटी) मसले पर रजाक दाऊद ने कहा कि वह अफगान राजदूत के निमंत्रण पर 20 से 30 अगस्त के दौरान काबुल के दौरे पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि काबुल तरजीही व्यापार समझौता (पीटीए) पर बातचीत शुरू करने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान वाघा बोर्डर से व्यापारिक पहुंच का मसला उठाने वाला है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें उस मंच को द्विपक्षीय मसले से नहीं जोड़ना चाहिए जोकि त्रिपक्षीय नहीं है और वे इस बात से सहमत हैं. रजाक ने कहा कि उन्होंने पेंसिल टीवी सेट और ब्लैक टी व्यापार का मसला उठाया, क्योंकि एटीटी की आड़ में छिपे रास्ते से ये वस्तुएं पाकिस्तान आती हैं जिससे देश को नुकसान होता है.
उन्होंने कहा कि " मैं एटीटी को उपयोग करके अपने देश को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ हूं." भारत और कश्मीर के भीतरी क्षेत्र के साथ व्यापार रद्द करने के मसले पर रजाक दाऊद ने कहा कि वह सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद उस पर प्रतिक्रिया देंगे. चीन के साथ दूसरे एफटीए पर हस्ताक्षर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजिंग अक्टूबर 2019 तक संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है.
Source : आईएएनएस