पाकिस्तान ने सुंजवान सेना शिविर पर आतंकवादी हमले में शामिल होने के आरोपों को खारिज किया है।
इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया पर हमला करते हुए कहा कि किसी भी जांच के शुरू होने से पहले ही मीडिया और अधिकारियों ने हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा दिया है जो बेहद गैर जिम्मेदाराना हैं।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने भारत पर पाकिस्तान के खिलाफ उसकी छवि को खराब करने और जानबूझ कर युद्ध के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।
जम्मू में सुंजवान सेना शिविर पर हमले के बारे में पूछे जाने पर विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह भारत द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला सुनियोजित पैटर्न है जिसके तहत भारतीय अधिकारी किसी भी घटना की जांच शुरू होने से पहले ही गैर जिम्मेदाराना बयान देना शुरू कर देते हैं और निराधार आरोप लगाते हैं।'
प्रवक्ता ने कहा, 'भारतीय मीडिया का एक धड़ा जानबूझकर पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए कार्य करता है। अपनी गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग और गलत बयानबाजी को दिखाकर युद्ध के लिए उकसाता है। मैं आशा करता हूं कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत की साजिश को समझेगा और इस पर संज्ञान लेगा।'
इससे पहले रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, 'सुंजवान में जारी अभियान में आतंकी सेना की वर्दी में थे और एके-56 राइफलों, ढेर सारे गोला-बारूद और हथगोलों से लैस थे। उनके सामानों से इस बात की पुष्टि हुई है कि वे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे।'
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गौरतलब है कि शनिवार को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के सुंजवान आर्मी कैंप पर हमला कर दिया था। इस हमले में अब तक पांच जवानों सहित 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान चार आतंकियों को मार गिराया है। फिलहाल सुरक्षाबल मौके पर दमकल की 4 गाड़ियां और एनआईए की टीम भी जांच के लिए मौजूद है। हालांकि अभी सर्च ऑपरेशन जारी है।
हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने आर्मी कैंप के 500 मी. रेडियस क्षेत्र में स्थित सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि जम्मू इलाके में इसी तरह का हमला लगभग 15 महीने पहले हुआ था। 29 नवंबर 2016 को, आतंकवादियों ने शहर के बाहरी इलाके में सेना के नागरोटा कैंप पर हमला किया था, जिसमें सेना के 2 अफसरों सहित सात सैन्य कर्मियों की मौत हो गई थी।
इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था।
आपको बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संसद हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु की बरसी के मद्देनजर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बड़े हमले की फिराक में है।
अफजल गुरू को 9 फरवरी, 2013 को संसद पर 2001 के हुए हमले के लिए फांसी पर लटका दिया गया था।
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Source : News Nation Bureau