पाकिस्तान को बड़ा झटका, FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा PAK

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Pakistan PM Imran Khan ) के लिए एक निशाना भरी खबर है. पाकिस्तान (Pakistan) को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) से बड़ा झटका लगा है.

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Deepak Pandey
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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान( Photo Credit : फाइल फोटो)

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Pakistan PM Imran Khan ) के लिए एक निशाना भरी खबर है. पाकिस्तान (Pakistan) को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) से बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान एफटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा. एफएटीएफ (FATF) ने पाकिस्तान को सभी एक्शन प्लान पूरा करने के लिए जून 2021 तक का समय दिया है. साथ ही एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान जून 2021 तक हाफिज समेत 1373 आतंकियों के खिलाफ एक्शन ले. हालांकि, पाकिस्तान को पहले ही इस बात का अहसास हो गया था कि एफएटीएफ (FATF) की बैठक में उसे कोई राहत नहीं मिलेगी. 

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आपको बता दें कि एफएटीएफ का पूर्ण सत्र का आयोजन 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में हुआ. इसमें पाकिस्तान सहित ग्रे सूची में रहने समेत विभिन्न देशों के मामलों पर विचार किया गया. बैठक में ही निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान जून 2021 तक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा. अक्टूबर 2020 में आयोजित अंतिम पूर्णसत्र में, एफएटीएफ ने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान फरवरी 2021 तक अपनी ग्रे लिस्ट में जारी रहेगा, क्योंकि यह वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है.

उधर, फ्रांस (France) के अलावा कुछ अन्य यूरोपीय देशों ने माना है कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की निर्धारित कार्ययोजना के सभी बिंदुओं का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया है. खासकर अमेरिका भी इमरान खान (Imran Khan) से डेनियल पर्ल के हत्यारों की रिहाई को लेकर चिढ़ा हुआ है. पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट’ में रखा था. इसके बाद एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोविड-19 महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी.

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मसूद अजहर और हाफिज सईद पर कार्रवाई चाहता है FATF

एफएटीएफ चाहता है कि भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी जैश-ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई हो. अजहर और सईद भारत में कई आतंकवादी कृत्यों में उनकी संलिप्तता के लिए सबसे वांछित आतंकवादी हैं, जिनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला और पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमला शामिल है. इन घटनाक्रमों से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान ने छह सिफारिशों का अनुपालन किया है और एफएटीएफ सचिवालय को विवरण भी प्रस्तुत कर दिया है. सूत्र ने कहा कि अब सदस्य बैठक के दौरान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करेंगे. सूत्र ने कहा कि निर्णय सदस्यों के बीच आम सहमति से लिया जाएगा.

कार्टून को लेकर पहले से ही पाकिस्तान के खिलाफ है फ्रांस

डॉन ने एफएटीएफ को कवर करने वाले एक पत्रकार के हवाले से कहा कि कुछ यूरोपीय देशों, विशेष रूप से मेजबान फ्रांस ने, एफएटीएफ को पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाये रखने की सिफारिश की है और यह रुख अपनाया है कि इस्लामाबाद द्वारा सभी बिंदु पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अन्य यूरोपीय देश भी फ्रांस का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्टून मुद्दे पर इस्लामाबाद की हालिया प्रतिक्रिया से फ्रांस खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पेरिस में एक नियमित राजदूत भी तैनात नहीं किया है. अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले के आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर अमेरिका ने भी चिंता जताई है. यह आशंका है कि अमेरिका पाकिस्तान को इस साल कम से कम जून तक ‘ग्रे लिस्ट’ में जारी रखने की पैरवी भी कर सकता है.

Source : News Nation Bureau

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