अक्सर पाकिस्तान को अपनी हरकतों से अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदा होना पड़ता है. इस बार भी पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी. कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मीटिंग बुलाने के प्रयास में चीन और पाकिस्तान को क्यों मुंह की खानी पड़ी. दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 12 दिसंबर को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को इस मांग का पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कश्मीर में भय का वातावरण होने और दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ने की बात कही. बताया जा रहा है कि उसी दिन यूएन ने अंतरधार्मिक बातचीत और शांति पर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
यह भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CAA के सपोर्ट में #IndiaSupportsCAA कैंपेन किया लांच
संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव में करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले का स्वागत किया और इसे अंतरधार्मिक भावनाओं का सम्मान और पड़ोस में शांति कायम रखने की दिशा में एक पहल बताया. सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिल रही है कि यह मामला सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच चर्चा का केंद्रबिंदु बन गया क्योंकि यह प्रस्ताव खुद पाकिस्तान ने ही तीन अन्य देशों के साथ मिलकर पेश किया था.
यह भी पढ़ेंः आम्रपाली ग्रुप की लग्जरी कारें 7 जनवरी को होंगी नीलाम, बस 1 रुपये देकर नीलामी में लें हिस्सा
फ्रांस और रूस ने दिया भारत का साथ
पाकिस्तान को एक और झटका फ्रांस और रूस की ओर से लगा. दोनों देशों ने भारत का समर्थन किया. चीन ने पाकिस्तान की तरफ से 17 दिसंबर को सुरक्षा परिषद की मीटिंग की मांग की थी ताकि कश्मीर के हालात पर चर्चा हो सके. जानकारी के मुताबिक फ्रांस और रूस ने भारत का समर्थन करते हुए कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर का मामला बताया और कहा कि दोनों देशों को मिलकर इसे सुलझाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau