सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगाने, द्विपक्षीय संबंधों को खत्म करने और राजनयिक संबंध को तोड़ने जैसे घोषणाएं करने वाले पाकिस्तान ने अब लाहौर-नई दिल्ली के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस की सेवा को बंद करने का फैसला किया है. पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो लाहौर से नई दिल्ली के बीच अब समझौता एक्सप्रेस अगले आदेश तक नहीं चलेगी. इससे पहले पाकिस्तान ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के विरोध स्वरूप समझौता एक्सप्रेस सेवा को समाप्त कर दिया था. कुछ दिनों तक सेवा निलंबित रही थी, जिसके बाद 4 मार्च को पाकिस्तान ने इस सेवा को बहाल करने का फैसला लिया था. बता दें कि यह ट्रेन लाहौर से सोमवार और गुरुवार को चलती है.
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समझौता एक्सप्रेस पाकिस्तान के क्रू गार्ड ने वाघा बॉर्डर पर ट्रेन खड़ी कर दी है. ट्रेन को सुरक्षा कारणों से अटारी लाने में असमर्थता जताई जा रही है. नॉर्दर्न रेलवे ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है. अभी तक ट्रेन को अटारी तक लाने को क्रू गार्ड राजी नहीं हुए हैं. इस बाबत दोनों तरफ के अफसरों के बीच बातचीत चल रही है.
रेडियो पाकिस्तान ने 4 मार्च को बताया था कि करीब 150 यात्रियों के साथ समझौता एक्सप्रेस लाहौर से भारत के लिए रवाना हुई. समझौता एक्सप्रेस में 6 शयनयान डिब्बे और एक एसी 3 टियर डिब्बा है. दोनों देशों के बीच 1971 के युद्ध को सुलझाने वाले शिमला समझौता के तहत 22 जुलाई 1976 को यह ट्रेन सेवा शुरू की गई थी.
कब-कब रुकी समझौता एक्सप्रेस की सेवा
- हाल में जब 26 फरवरी को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद पर एयरस्ट्राइक हुई तो पाकिस्तान ने इस सेवा पर रोक लगा दी थी.
- 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के बाद भी समझौता एक्सप्रेस रोक दी गई थी.
- 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो पर हमले के बाद इस ट्रेन को रोक दिया गया था.
क्या है समझौता एक्सप्रेस
समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है. भारत में यह ट्रेन दिल्ली से पंजाब स्थित अटारी तक जाती है. अटारी से वाघा बॉर्डर तक तीन किलोमीटर की सीमा पार करती है. इस दौरान बीएसएफ के जवान घोड़ागाड़ी से इसकी निगरानी करते हैं. सीमा पार करने के बाद यह ट्रेन पाकिस्तान के लाहौर जाती है.
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कब चलती है
भारत से यह दो बार- बुधवार व रविवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात 11.10 बजे चलती है. इसके लिए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अलग से प्लेटफॉर्म बनाया गया है. ट्रेन में दाखिल होने से पहले गहन पड़ताल की जाती है.
ट्रेन में सुविधा
समझौता एक्सप्रेस में कुल 6 शयनयान (Sleeper) और एक वातानुकूलित तृतीय श्रेणी (3rd AC) कोच हैं. दिल्ली से निकलने के बाद अटारी तक बीच में इसका कोई स्टॉपेज नहीं है. बताया जाता है कि इसे भारतीय रेल की राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस व अन्य प्रमुख ट्रेनों के ऊपर तरजीह दी जाती है ताकि इसमें कोई देर ना हो. समझौता एक्सप्रेस लाहौर से वापसी में भारत में सोमवार और गुरुवार को पहुंचती है. इस दौरान ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड नहीं बदले जाते.
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समझौता एक्सप्रेस का इतिहास
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए शिमला समझौतो के बाद समझौता एक्सप्रेस की नींव पड़ी. दोनों देशों ने आपस में फिर से रेल सेवा को बहाल करने पर सहमति जताई. 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच समझौता एक्सप्रेस की सेवा शुरू करने का फैसला लिया गया. शुरुआत में इसे रोज चलाया जाता था, लेकिन 1994 में इसे हफ्ते में दो दिन कर दिया गया.
Source : News Nation Bureau