अमृतसर में दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भारत इस मंच से आतंकवाद का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत को अफगानिस्तान का पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद है।
इससे पहले भी अफगानिस्तान सार्क सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के साथ दे चुका है। नवंबर में जब भारत ने इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था, तब अफगानिस्तान ने भारत का समर्थन करते हुए खुद को इस सम्मेलन से अलग कर लिया था।
हार्ट ऑफ एशिया में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी पहुंचेगे। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। पठानकोट हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत की शुरुआत नहीं हुई है। हालांकि शनिवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी।
अजीज की अमृतसर यात्रा से पहले भारत ने साफ कर दिया था कि सीमा पार से जारी आतंकवाद और द्विपक्षीय बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकता।
उरी हमले के बाद भारत ने वैश्विक मंच और क्षेत्रीय मंच पर पाकिस्तान को अगल-थलग करने की रणनीति अपनाई थी। इसी के तहत इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन से भारत को खुद ने अलग कर लिया था। भारत के बाद बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने भी सार्क की बैठक से खुद को अलग कर लिया था।
आखिरकार पाकिस्तान को सार्क सम्मेलन को रद्द करना पड़ा। अक्टूबर में गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में भी भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करते हुए उसे वैश्विक आतंकवाद की जननी करार दिया था।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।
HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमृतसर में शुरू होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरुआत करेंगे
- हालांकि सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी
Source : News Nation Bureau