भारत (India) में बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने में नाकाम रहने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) पोषित आतंकवादी संगठन अब नई साजिश के तहत दहशत फैला रहे हैं. यूरोप के लोन वोल्फ हमलों की तर्ज पर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में हाइब्रिड या पार्ट टाइम आतंकवादियों की मदद से गैर कश्मीरी खासकर हिंदू-सिख को निशाना बनाना शुरू किया है. बीते 48 घंटों में ही इस तरह के हमलों में पांच नागरिकों को निशाना बनाया गया. गुरुवार को प्रिंसिपल और टीचर की हत्या की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस ग्रुप (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar E Taiba) का ही मुखौटा माना जाता है. इन हाइब्रिड आतंकियों को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय ने अजित डोभाल समेत आईबी और अन्य शीर्ष अधिकारियों संग बैठक की थी. अगर आंकड़ों की मानें तो इस साल अब तक 28 निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई है.
छोटी-मोटी नौकरी करने वाले आतंकी वारदात कर फिर वापस लौट जाते हैं सामान्य जिंदगी में
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान केंद्रित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में शांति और सौहार्द्र को बिगाड़ने की नई साजिश रच रहे हैं. इसके लिए उन्होंने हाइब्रिड या पार्टटाइम आतंकियों का इस्तेमाल शुरू किया है. हाइब्रिड या पार्टटाइम आतंकी किसी भी आम शख्स की तरह सामान्य सी नौकरी करते हैं और आम लोगों को छोटे हथियार यानी पिस्टल से निशाना बनाते हैं. हमला करने के बाद ये वापस से अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगते हैं. सूत्रों की मानें तो ऐसे हाइब्रिड आतंकियों के बारे में सुरक्षा बलों को जानकारी मिली है और इनके खिलाफ सघन ऑपरेशन की तैयारियां जोरों पर हैं. बताया जा रहा है कि हाइब्रिड आतंकियों की अच्छी-खासी संख्या है और इनकी पहचान पुख्ता की जा रही है.
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पाकिस्तान के इशारे पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश
दरअसल कश्मीर में बीते दो दिनों में पांच आम लोगों की हत्या हुई है. इसके बाद घाटी में एक बार फिर बढ़ते आतंकवाद को लेकर चिंता जाहिर की जाने लगी है. माना जा रहा है कि हालिया घटनाएं से लोगों में डर पैदा किया जा रहा है. इस तरह पुराने कश्मीर को फिर से जिंदा किया जा रहा है. यानी कश्मीरी पंडितों की तरह गैर मुस्लिमों को डरा-धमका कर राज्य से बाहर पलायन के लिए मजबूर करना. दूसरे इस तरह की आतंकी घटनाओं से सांप्रदायिक सद्भाव भी बिगड़ेगा और आतंकी मंसूबे कामयाब होंगे. ये दंगाई साजिश पाकिस्तानी एजेंसियों के इशारे पर हो रही हैं.
टीआरएफ लश्कर का ही मुखौटा
गौरतलब है कि आम नागरिकों की हत्याओं की आतंकी संगठन द रजिस्टेंस ग्रुप ने जिम्मेदारी ली है. इस संगठन ने कश्मीरी बिजनेसमैन माखन लाल बिंदरू और अन्य दो नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली है. खुफिया सूत्रों की मानें तो टीआरएफ पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का ही मुखौटा माना जाता है. सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों में टीआरएफ के ओवरग्राउंड वर्कर्स पूरी तरह मुख्य काडर में तब्दील हो चुके हैं और लोगों की निशाना बनाकर हत्या कर रहे हैं.
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इस साल अब तक 28 लोग मारे गए
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक(आईजी) विजय कुमार के मुताबिक 2021 में कश्मीर में आतंकवादियों ने 28 नागरिकों की हत्या की है. सीमा पार आतंकी आका सुरक्षा बलों के सफल अभियानों और कश्मीर में कई आतंकवादियों के खात्मे से निराश हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी रणनीति बदल महिलाओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. अब तक मारे गए 28 नागरिकों में से पांच स्थानीय हिंदू-सिख समुदाय के थे, जबकि 2 गैर-स्थानीय हिंदू मजदूर थे. आतंकियों के निशाने पर अब निर्दोष नागरिक, राजनेता और महिला सहित निहत्थे पुलिसकर्मी हैं. गौर करने वाली बात यह है कि ऐसे सभी मामलों में आतंकियों ने पिस्टल का इस्तेमाल किया है.
HIGHLIGHTS
- हाइब्रिड आतंकी आम शख्स की तरह सामान्य नौकरी करते हैं
- आम लोगों को छोटे हथियार यानी पिस्टल से निशाना बनाते हैं
- ऐसी आतंकी घटनाओं से सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश