मसूद अजहर को यूएन द्वारा ग्लोबल टेररिस्ट यानी वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद अब पाकिस्तान आतंक के इस आका पर कार्रवाई करने पर मजबूर होगा. वहीं पूरी दुनिया के सामने पाक का असली चेहरा भी सामने आ जाएगा. पुलवामा के इस गुनहगार को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने के क्या हैं मायने, ऐसे समझें....
मसूद अजहर, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया है. वो खुद को धार्मिक गुरु और मौलाना बताता है. पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला मसूद एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे. उसने कराची के जामिया उलूम-ए-इस्लामी से तालीम ली. पढ़ाई पूरी करने के बाद वो इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगा. उसने कुछ किताबें भी लिखीं और एक धार्मिक मैग्जीन का संपादक भी रहा.
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अल कायदा और तालिबान के संपर्क में आने के बाद उसने आंतकवाद प्रभावित कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की. मसूद ने गुलाम कश्मीर में अपने ट्रेनिंग कैंप शुरू कर जिहादियों को ट्रेनिंग दी. पाकिस्तान के बहावलपुर और दूसरी कई जगहों पर उसके मदरसे भी चलते हैं. 1994 में अजहर श्रीनगर आया और उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया.
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अजहर को जेल से छुड़वाने के लिए 1995 में छह विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अजहर की रिहाई की मांग भारत सरकार से की गई. ऐसा न करने पर पांच पर्यटकों को मार दिया और एक पर्यटक आतंकियों के कब्जे से भाग निकला. 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाइजैक कर लिया गया. इसमें 155 यात्री सवार थे. इसके बदले अजहर मसूद को रिहा करवा लिया गया. रिहा होने के बाद से ही अजहर लगातार भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहने लगा. मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक में मसूद अजहर का नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आता है.
क्या है वैश्विक आतंकी घोषित होना?
किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद करती है. इसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थाई सदस्य हैं और दस अस्थाई सदस्य होते हैं. किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है. इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है. इसमें तीन कार्रवाई प्रमुख हैं.
संपत्ति जब्त
ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जिस देश में होगी उसी देश द्वारा तुरंत जब्त की जाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैश्विक आतंकी घोषित किए गए व्यक्ति को किसी तरह की वित्तीय मदद कहीं से न मिल रही हो.
यात्रा करने पर प्रतिबंध
सभी देश ऐसे व्यक्ति का अपनी सीमाओं में प्रवेश रोकेंगे. वो जिस देश में होगा वहां उसे किसी तरह की यात्रा नहीं करने दी जाएगी. यानी अब वह पाकिस्तान से बाहर नहीं निकल पाएगा.
हथियारों का प्रतिबंध
सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे. सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त रोकी जाएगी. इसमें छोटे हथियारों से एयरक्राफ्ट तक शामिल हैं. हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीकी सहायता देना भी प्रतिबंधित होता है.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA