महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों को, चाहे वह किसी भी धर्म के हों, देश के बाहर फेंक देना चाहिए. शनिवार को मुंबई में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की भी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे भारत पर ही बोझ बढ़ेगा. खासकर यह देखते हुए कि भारत फिलहाल अपने ही नागरिकों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है.
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भारत कोई धर्मशाला नहीं
राज ठाकरे ने दो टूक कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है. बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले लोगों को बगैर उनका धर्म देखे देश से बाहर कर देना चाहिए. भारत ने ही कोई समग्र मानवता का ठेका नहीं ले रखा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले को धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. जो भी बाहरी है, उसे देश से बाहर फेंक देना चाहिए. हम अभी अपने ही लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में हमें दूसरे देशों के लोगों की जरूरत क्यों आन पड़ी है. पहले तो देश के 130 करोड़ की आबादी की जरूरतों को प्राथमिकता देनी होगी.
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मुसलमानों का डर गैर वाजिब नहीं
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि नागरिकता कानून भेदभाव करने वाला है. ऐसे में मुसलमानों में इसे लेकर जो डर है, वह गैर वाजिब नहीं कहा जा सकता. इसके पर्याप्त कारण हैं कि भारत में सालों से रह रहे मुस्लिम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गौरतलब है नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद देश भर में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है.
HIGHLIGHTS
- राज ठाकरे ने कहा पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों को देश के बाहर फेंक देना चाहिए.
- भारत कोई धर्मशाला नहीं है. भारत ने ही कोई समग्र मानवता का ठेका नहीं ले रखा है.
- नागरिकता कानून भेदभाव करने वाला है. ऐसे में मुसलमानों में इसे लेकर जो डर है, वह गैर वाजिब नहीं.
Source : News Nation Bureau