करीब एक दशक बाद पाकिस्तान की ओर से टिड्डी दल ने एक बार फिर भारत की ओर रुख किया है. एक अच्छे पड़ोसी होने के नाते पाकिस्तान को इस बात की सूचना भारत को पहले देनी चाहिए थी. लेकिन पाकिस्तान ने भारत को इसकी सूचना नही दी. सम्भवतः पाकिस्तान भारत की सर्जिकल स्ट्राइक व एअर स्ट्राइक का जवाब में भारत पर टिड्डी स्ट्राइक करने का ख्वाब देख रहा था. लेकिन वर्तमान में जहां एक ओर टिड्डी नियंत्रक विभाग में टिड्डी दल को एक सीमित क्षेत्र में रोक दिया, वहीं राजस्थान में किसानों की कोई खास फसल खेतो में खड़ी नहीं है.
ऐसे में पाकिस्तान के मंसूबो पर जहां पानी फिरता नज़र आ रहा है, वही राजस्थान में जलवायु टिड्डी के प्रजनन के अनुकूल होने के चलते टिड्डी नियंत्रण विभाग के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच आई है. पाकिस्तान अपने क्षेत्र में टिड्डी पर नियंत्रण नही कर रहा है, इधर भारत में गर्मी के साथ अनुकूल वातावरण मिलने से नियंत्रण करने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है.
पाकिस्तान से लगते सीमा क्षेत्र में लगातार एक सप्ताह से टिड्डी दल जैसलमेर के मोहनगढ़ व नाचना क्षेत्र में देखा जा रहा है, इससे किसानों की चिंता भी बढ़ गई है. भारत ने इसको लेकर पाकिस्तान से नाराजगी जताई है. जोधपुर स्थित टिड्डी नियंत्रक कार्यालय के प्रभारी एवं क्षेत्रीय अधिकारी के एल गुर्जर ने बताया कि जैसलमेर क्षेत्र में टीडी की मौजूदगी पाई गई है. उसको लेकर लगातार रसायनिक छिड़काव किया जा रहा है.
रासायनिक छिड़काव के चलते यहां मामला नियंत्रण में है, लेकिन आगे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रोकथाम के कार्य किए जा रहे हैं. भारत की पाकिस्तान से इसको लेकर आपत्ति जताने के बाद इसको लेकर 19 जून को दोनों देशों के अधिकारियों की एक मीटिंग तय की गई है. वर्तमान में मंगलवार तक 1100 हेक्टेयर मीटर में टिड्डी दल की उपस्थिति को समाप्त किया है. विभाग लगातार रोकथाम के प्रयास में सक्रिय है.
HIGHLIGHTS
- सीमारेखा पर दिखाई दे रहा टिड्डियों का समूह
- पाकिस्तान ने भारत को नहीं दी जानकारी
- पाकिस्तान नहीं कर पा रहा है टिड्डियों काबू
Source : Ajay Kumar Sharma