पाकिस्तान को प्‍यासा मारने की तैयारी में मोदी सरकार, सिंधु नदी का पानी रोकने के लिए DPR मंजूर

केंद्र सरकार ने उझ परियोजना (Ujh Project) की संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी है. प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सिंधु जल संधि (Sindhu Water Treaty) के तहत भारत को मिलने वाले पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
ujh river

पाकिस्तान का पानी रोकने का रास्ता साफ, उझ प्रोजेक्ट की DPR को मंजूरी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

पाकिस्तान (Pakistan) का पानी रोकने का रास्ता अब साफ हो गया है. केंद्रीय सलाहकार समिति ने उझ परियोजना (Ujh Project) की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. करीब छह साल में पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 9167 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस प्रोजेक्ट के बाद न सिर्फ इस पानी का इस्तेमाल इलाके की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाएगा बल्कि पाकिस्तान का पानी रोकने का भी रास्ता साफ हो सकेगा.

यह भी पढ़ेंः Covid-19: चीन से कंपनियों ने निकलना शुरू किया, भारत में अपना कारोबार फैलाएगी यह कंपनी

PM मोदी ने की पहल
इस प्रोजेक्ट का ऐलान 2008 में किया गया था. 2013 में केंद्रीय जल आयोग के इंडस बेसिन संगठन ने इस प्रोजेक्ट की DPR तैयार की. नए और संशोधित DPR को मंजूरी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई. सूत्रों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने काफी रुचि दिखाई जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए कमेटी ने पहल शुरू की और इसकी संशोधित डीपीआर मंजूर कर दी गई.

यह भी पढ़ेंः दो ट्रकों के बीच भीषण टक्कर, गोरखपुर जा रहे 23 मजदूरों की हादसे में मौत, 35 से अधिक घायल

पाकिस्तान का रुक जाएगा पानी
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भारत सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा. दरअसल अभी से सारा पानी पाकिस्तान की ओर जा रहा है.
इस परियोजना के पूरा होने से भारत 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण कर सकेगा. उझ नदी रावी नदी की सहायक नहीं है.

यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश : भोपाल, इंदौर और उज्जैन को छोड़कर अन्य स्थानों पर लॉकडाउन में ढील पर जोर

सिंधु जल संधि
सिंधु जल संधि 19 सितंबर, 1960 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच कराची में हुई थी. इस संधि में इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं. सिंधु जल संधि के अनुसार भारत पूर्वी नदियों के 80% जल का इस्तेमाल कर सकता है, हालांकि अब तक भारत ऐसा नहीं कर रहा था. इस परियोजना के पूरा होने से पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं.

Source : News Nation Bureau

pakistan ujh project ravi river
Advertisment
Advertisment
Advertisment