कुलभूषण जाधव से मिलने पहुंचीं उनकी मां और पत्नी को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने आपत्तिजनक बयान दिया था. पाक के विदेश मंत्रालय का कहना था कि कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते में कुछ 'धातु जैसी चीज' मिली, जिसके बाद इसे जब्त कर लिया गया. उससे पहले भारत ने पाकिस्तान पर कुलभूषण की पत्नी और उनकी मां से मुलाकात के समय भयभीत करने वाला वातावरण तैयार करने का आरोप लगाया था. आज जब कुलभूषण जाधव केस की आईसीजे में सुनवाई है तो ये सब बातें लोगों के जेहन में ताजा हो रही हैं.
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एक बयान में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने मुलाकात के दौरान भयभीत करने वाले माहौल के भारत के बयान को खारिज कर दिया था. वहां के विदेश मंत्रालय ने भारत के आरोप को 'आधारहीन और तोड़-मरोड़कर पेश करने वाला (ट्विस्टेड)' बताया था. पाक के विदेश मंत्रालय ने कहा- 'हम बेमतलब की जुबानी जंग में नहीं पड़ना चाहते हैं. हमारा खुलापन और पारदर्शिता इन आरोपों को झूठा साबित करती है. अगर भारत की चिंता जायज है तो भारतीय (राजनयिक के) मेहमान को मीडिया के समक्ष यह मामला उठाना चाहिए, जो भारत द्वारा आग्रह के बाद सुरक्षित दूरी पर मौजूद थे.'
विदेश कार्यालय ने कहा कि जाधव की पत्नी चेतनकुल के जूते रख लिए गए, क्योंकि उसमें कुछ 'धातु जैसे पदार्थ' मिले थे. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, 'जूते में कुछ था. इसकी जांच की जा रही है. हमने इसके बदले उन्हें दूसरे जूत दे दिए. मुलाकात के बाद सभी जेवर वगैरह लौटा दिए गए. 'भारत ने अपने कड़े बयान में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा मुलाकात से पहले जाधव की मां एवं पत्नी के बिंदी, मंगलसूत्र और चूड़ियां उतारने का आरोप लगाया था. भारत ने कहा, 'कुछ असाधारण कारणों से, उनके बार-बार आग्रह करने के बावजूद, मुलाकात के बाद जाधव की पत्नी के जूते नहीं लौटाए गए. इस संबंध में हम किसी भी शरारती मंशा के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी देते हैं.
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पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बयान में याद दिलाते हुए कहा, जाधव की मां ने सार्वजनिक तौर पर मीडिया के समक्ष मानवीय पहल के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद दिया है. इससे ज्यादा और कुछ कहने की जरूरत नहीं है. समाचार पत्र डॉन के अनुसार, दोनों महिलाओं की सोमवार को विदेश कार्यालय आने के दौरान ली गई तस्वीर में, चेतनकुल जाधव को भूरे रंग के जूते पहने देखा जा सकता है, लेकिन जाते वक्त उन्होंने सफेद चप्पल पहन रखा था. भारत ने अपने बयान में कहा, सुरक्षा कारणों का हवाला देकर, परिजनों की सांस्कृतिक व धार्मिक संवेदनशीलता पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्हें मंगलसूत्र, चूड़ियां और बिदी तक उतारनी पड़ी और यहां तक कि अपने पोशाक भी बदलने पड़े. बयान के अनुसार, 'जाधव की मां को उनके मातृभाषा में बात करने नहीं दिया गया, जबकि यह संचार का सहज माध्यम है. ऐसा करने पर उन्हें लगातार रोका गया और इसे आगे नहीं दोहराने के लिए कहा गया.'
Source : News Nation Bureau