तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम गुट के नेताओं ने शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा में पेश होने वाले विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग की है। पन्नीरसेल्वम के आवास पर शुक्रवार सुबह सघन चर्चा के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके-पन्नीरसेल्वम गुट) नेताओं के एक समूह ने सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और शनिवार को होने वाले विश्वास मत के दौरान गुप्त मतदान की मांग की।
पन्नीरसेल्वम गुट के नेता एस. सेम्मालाई ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अध्यक्ष से विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान कराने का आग्रह किया है।
एआईएडीएमके के एक पूर्व सांसद का विचार है कि पन्नीरसेल्वम का समर्थन करने वाले विधायकों को अपनी बगावत को दर्शाने के लिए विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करना चाहिए।
वहीं के.सी.पलनीस्वामी ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, 'पन्नीरसेल्वम तथा उनका समर्थन करने वाले विधायकों को विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ खुलकर मतदान करना चाहिए और लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता बनानी चाहिए।'
और पढ़ें: पन्नीरसेल्वम गुट ने शशिकला और दिनाकरन को AIADMK से निकाला
गुरुवार को शशिकला गुट के ई.के.पलनीस्वामी ने 30 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
विधानसभा की बैठक शनिवार को आहूत की गई है, जहां अपने गुट के 125 विधायकों के साथ पलनीस्वामी बहुमत साबित करने के प्रति आशान्वित हैं।
विधानसभा में पन्नीरसेल्वम गुट में 10 विधायक, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के पास 89 विधायक, कांग्रेस के पास आठ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पास एक विधायक हैं। एक सीट खाली है।
एआईएडीएमके के एक नेता ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, 'अगर विश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत के माध्यम से होता है, तो विधायक तेज आवाज में अपना फैसला सुनाएंगे।'
उन्होंने कहा कि वहीं, अगर विश्वास प्रस्ताव गुप्त मतदान के माध्यम से होता है, तो व्हिप जारी किया जाएगा। ऐसे में पन्नीरसेल्वम गुट के समक्ष यह मुद्दा होगा कि वे व्हिप का पालन करें या उसे अस्वीकार कर दें।
एआईएडीएमके नेता ने कहा, 'अगर वे व्हिप का पालन नहीं करते हैं, तो दल-बदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अयोग्य करार दिया जाए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।'
पलनीस्वामी ने कहा, 'विधायक किसके पक्ष में मतदान करेंगे, इसके लिए पार्टी व्हिप को नेता से आदेश लेना पड़ेगा। एआईएडीएमके के मामले में महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति ही विवाद में है और इसलिए उनके द्वारा की गई नियुक्तियां भी। इसलिए किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने से पहले इस सवाल का समाधान करना पड़ेगा।'
शशिकला ने हाल में पन्नीरसेल्वम तथा के. पांडियाराजन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था और दोनों ही दल-बदल विरोधी कानून के दायरे से बाहर हैं।
एआईएडीएमके के एक नेता ने कहा कि अगर भारी संख्या में क्रॉस वोटिंग होती है (यानी पलनीस्वामी का समर्थन करने वाले विधानसभा में उनके खिलाफ मत देते हैं), तो पूरा माहौल ही बदल जाएगा।
पन्नीरसेल्वम गुट के सांसदों ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पार्टी महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति को अमान्य ठहराने की मांग की।
पलनीस्वामी ने कहा कि इस मुद्दे पर सांसदों को एक नई अर्जी दाखिल करने के बजाय निर्वाचन आयोग में पहले से दाखिल शिकायत को आगे बढ़ाना चाहिए था।
विधानसभा चुनावों से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau