देशभर से जुटे युवाओं ने दिल्ली में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि उन्हें नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए एक 'प्रधानमंत्री चिट फंड योजना' शुरू करनी चाहिए, क्योंकि वे किसी लीक हुए प्रश्न-पत्र को खरीदने के लिए ऊंची कीमत अदा करने में अक्षम हैं. युवाओं के इस सम्मेलन में देशभर से 60 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यह सम्मेलन शिक्षित बेरोजगार युवाओं के बीच व्याप्त निराशा-हताशा को रेखांकित करने के लिए युवा-हल्लाबोल की तरफ से आयोजित किया गया था.
युवा-हल्लाबोल बेरोजगारी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है, जिसमें एसएससी, यूपीएससी, राज्य एजेंसियों, रेलवे, पुलिस में नौकरी के इच्छुक और शिक्षक बनने के इच्छुक युवा शामिल हैं.
युवा-हल्लाबोल ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है, 'आज हम आपको गहरी पीड़ा और उम्मीद के साथ लिख रहे हैं. हम भी राष्ट्रसेवा करना चाहते हैं. हम शिक्षित और कुशल हैं. सरकारी सेक्टर में 24 लाख रिक्तियां हैं. फिर भी हमें नौकरी नहीं मिल रही है.'
पत्र में लिखा गया है, 'जिस एक बड़ी वजह से हमें नौकरी नहीं मिल रही है, वह है भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितता. पिछले वर्ष के दौरान दो दर्जन से अधिक परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक हो गए.'
पत्र में कहा गया है, 'कृपया नौकरी के इच्छुक उन युवाओं के लिए एक प्रधानमंत्री चिट फंड योजना (पीएमसीएफवाई) की घोषणा और शुरुआत करें, जो किसी लीक प्रश्न-पत्र की ऊंची कीमत अदा करने में अक्षम हैं. यदि आप इस कल्याणकारी योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करते हैं, तो यह बहुत मददगार होगी.'
युवा-हल्लाबोल ने पत्र में कहा है, 'हम लीक हुए प्रश्न-पत्रों को खरीदने और नौकरी हासिल करने के लिए ऋण के आवेदन देंगे. नौकरी मिल जाने पर हम 100 फीसदी गारंटी देते हैं कि ऋण की पूरी राशि हम सरकार को लौटा देंगे.'
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युवा-हल्लाबोल के नेता अनुपम ने कहा, 'शिक्षित बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत हो गई है, बेरोजगार युवक इस सरकार की विफलता और खोखले दावों की पोल खोलने के लिए तैयार हैं.'
सरकार से एक आदर्श परीक्षा संहिता भी लागू करने का आग्रह किया गया है, ताकि सभी भर्ती प्रक्रिया नौ माह की समय सीमा के भीतर पूरी हो जाएं. युवा-हल्लाबोल ने मोदी से यह अनुरोध भी किया है कि वह उनकी स्थिति, और पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया 27 फरवरी तक दें.
Source : IANS