पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal Passes Away At 95) का मंगलवार को निधन हो गया है. प्रकाश सिंह बादल पिछले कुछ समय से गैस्टोराइटिस और सांस संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. इसी वजह से पिछले सप्ताह उन्हें मोहाली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में होगा. उनका पार्थिव शरीर बुधवार को चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 28 के शिरोमणी अकाली दल के ऑफिस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
Extremely saddened by the passing away of Shri Parkash Singh Badal Ji. He was a colossal figure of Indian politics, and a remarkable statesman who contributed greatly to our nation. He worked tirelessly for the progress of Punjab and anchored the state through critical times. pic.twitter.com/scx2K7KMCq
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2023
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अंतिम इच्छा नहीं हुई पूरी -
बादल (Parkash Singh Badal Passes Away At 95) के निधन से राज्य समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. वहीं पीएम मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है. बादल के परिवार में उनका बेटा सुखबीर सिंह बादल और बेटी परनीत कौर हैं. प्रकाश सिंह बादल पंजाब में 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके थे. उनकी अंतिम इच्छा थी कि वो आखिरी बार चुनाव में जीत हासिल करें. लेकिन शायद किस्मत को ये मंजूर नहीं था उन्होंने जीत से पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया.
लंबी विधानसभा क्षेत्र अकाली दल की थी परंपरागत सीट -
93 साल के अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष और पांच बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल 12वीं बार विधायक बनना चाहते थे. लंबी सीट से उन्होंने पर्चा दाखिल किया था, क्योंकि यह सीट शिरोमणि अकाली दल की परंपरागत सीट माना जाता था, लेकिन इस बार बादल का तिलिस्म चल नहीं पाया और वह अपने गढ़ बचाने में सफल नहीं रहे. इस सीट से 1997 में पहली बार प्रकाश सिंह बादल विधायक बने थे.
पंजाब विधानसभा चुनाव -
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रकाश सिंह बादल ने लंबी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी गुरमीत सिंह खुड्डियां ने उन्हें 11,396 मतों से हरा दिया था, जबकि 2017 विधानसभा चुनाव में प्रकाश सिंह बादल ने अपने प्रतिद्वंदी कैप्टन अमरिंदर सिंह को 22,770 मतों से हराया था. इस सीट से वह 1997 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके थे. मगर जीवन के आखिरी चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि जनता की नजर में वो हमेशा एक शानदार नेता रहेंगे.