Advertisment

बजट सत्र पार्ट-2 में आमने-सामने होंगे सरकार-विपक्ष, कटौती भी संभव

विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) को देखते हुए संसद के बजट सत्र में कटौती की जा सकती है और विभिन्न दलों के नेता इस विचार पर सहमत हैं. हालांकि कांग्रेस (Congress) ने साफ कर दिया है कि वह बजट सत्र में कटौती का विरोध करेगी.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Parliament Budget Session

विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सत्र में कटौती भी संभव( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

संसद (Parliament) के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है. सत्र के दूसरे चरण में सरकार का ध्यान मुख्य रूप से वित्त विधेयक और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनेक अनुपूरक मांगों को पारित कराने पर होगा. इन अनिवार्य एजेंडे के अलावा सरकार ने इस सत्र में कई विधेयकों को भी पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है. इस सत्र का समापन आठ अप्रैल को होगा. चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) को देखते हुए संसद के बजट सत्र में कटौती की जा सकती है और विभिन्न दलों के नेता इस विचार पर सहमत हैं. हालांकि कांग्रेस (Congress) ने साफ कर दिया है कि वह बजट सत्र में कटौती का विरोध करेगी. 

राज्यसभा सुबह, तो लोकसभा चलेगी शाम को
संसद के बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 28 फरवरी को खत्म हुआ था. बजट सत्र के बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सूचना दी है कि राज्यसभा सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक चलेगी और लोकसभा की कार्रवाई शाम 4 से 10 बजे तक चलेगी. यह सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा. इस सत्र में सरकार ने जिन विधेयकों को सूचीबद्ध किया है उनमें पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय वित्त पोषण अवसंरचना और विकास बैंक विधेयक, विद्युत (संशोधन) विधेयक, क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः मेरठ में प्रियंका का BJP पर हमला, कहा- अंतिम सांस तक किसानों के साथ रहूंगी

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र में कटौती भी संभव
सूत्रों के मुताबिक हालांकि विधानसभा चुनावों को देखते हुए संसद के बजट सत्र में कटौती की जा सकती है और विभिन्न दलों के नेता इस विचार पर सहमत हैं. सूत्रों ने कहा कि यह अभी तक निर्णय नहीं किया गया है कि सत्र में कितने दिनों की कटौती होगी, लेकिन इस तरह के सुझाव हैं कि करीब दो हफ्ते की कटौती की जाए. सूत्रों के मुताबिक अंतिम फैसला सोमवार को सदन के नेताओं की बैठक में किया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह सरकार द्वारा संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को स्थगित करने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगी.

हालांकि कांग्रेस भी विरोध के स्वरों में भी दो फाड़
सूत्रों का कहना है कि सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मणिक्कम टैगोर और के. सुरेश ने पार्टी की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी को ऐसे कदम के बारे में सूचित किया. हालांकि कांग्रेस की इस बैठक में पार्टी नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए. कई नेता, जिनके राज्यों में चुनाव होने हैं, उन्होंने सरकार के प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया, लेकिन दूसरे नेताओं ने इसका विरोध किया गया. सूत्रों का कहना है कि कई नेताओं को पहले से आशंका थी कि चुनावों के कारण सत्र में कटौती हो सकती है. लेकिन ऐसी चालों का विरोध करने वाले पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी से कहा कि सरकार संसद से बचना चाहती है और उसे इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. बाद में यह निर्णय लिया गया कि सोमवार को सलाहकार समिति में कांग्रेस सत्र को रोकने के सरकार के इस कदम को स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी ने कई मुद्दों पर सरकार को किनारे करने का फैसला किया है. 

यह भी पढ़ेंः  पीएम मोदी 9 मार्च को जारी करेंगे भगवद्गीता की पांडुलिपि के 11 खंड

सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
इन सबके बीच विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कमर कस रहा है. बजट सत्र के दूसरे चरण से पहले कांग्रेस की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग कर सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में जी-23 के आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के अलावा राज्यसभा में हाल ही में विपक्ष के नेता बने मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटनी और जयराम रमेश ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

चुनाव की वजह से कई नेता सत्र में नहीं होंगे शामिल!
गौरतलब है कि बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय हो रहा है जब सभी सियासी दलों का ध्यान पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों पर है. इन राज्यों में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं. अनुमान है कि चुनाव प्रचार की खातिर कई क्षेत्रीय दलों के वरिष्ठ नेता सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहेंगे. बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को शुरू हुआ था जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण का कांग्रेस समेत 20 से अधिक विपक्षी दलों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बहिष्कार किया था. केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया गया था.

यह भी पढ़ेंः गाजीपुर बॉर्डर पर मना केरल दिवस, आंदोलन स्थल पर दिखा 'मिनी भारत'

संसद परिसर में टीकाकरण की व्यवस्था
इस बीच लोकसभा सचिवालय ने संसद परिसर के अंदर सांसदों के टीकाकरण की व्यवस्था की है. टीकाकरण अभियान के बाद सुबह 11 बजे से दोनों सदनों की एक साथ बैठक हो सकती है. वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण संसद की बैठक दो सत्रों में होती है. राज्यसभा की बैठक सुबह में और लोकसभा की बैठक शाम में होती है. बजट सत्र का दूसरा चरण आठ मार्च से आठ अप्रैल तक निर्धारित है. बता दें कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.

पहले चरण में 99.5 प्रतिशत हुआ था काम
बजट सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा में 99.5 प्रतिशत काम हुआ था. इस दौरान, लोकसभा 50 घंटे के तय समय के मुकाबले 49 घंटे और 17 मिनट बैठी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 16.39 घंटे तक चली. इस चर्चा में 130 सदस्यों ने भाग लिया. बजट पर चर्चा के लिए 10 घंटे तय किए गए थे, लेकिन सदन में 14 घंटे से ज्यादा समय तक बहस हुई. बजट चर्चा में 117 सांसदों ने हिस्सा लिया.

HIGHLIGHTS

  • संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से हो रहा शुरू
  • विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र में कटौती भी संभव
  • कांग्रेस में सत्र कटौती के मसले पर भी सामने आए दो गुट
PM Narendra Modi congress राहुल गांधी rahul gandhi parliament संसद budget-session assembly-elections कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी सोनिया गांधी विधानसभा चुनाव बजट सत्र Duration सत्र कटौती
Advertisment
Advertisment