प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में जम्मू-कश्मीर के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों से दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को मिटाना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने संदेश दिया था कि भविष्य में जम्मू-कश्मीर में विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया जाएगा. अब उस दिशा में कदम भी उठाए जा रहे हैं. वैसे तो राज्य में उप राज्यपाल के ज़रिए केंद्र सरकार लगातार विकास योजनाओं की घोषणा कर रही है, लेकिन अब संसद की स्थाई समिति भी इसी महीने से जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाना शुरू कर रही है. इससे वहां की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट संसद और सरकार दोनों को मिलेगी और विकास का काम तेज हो सकेगा.
पहला दौरा लोक लेखा समिति के सदस्यों का
सूत्रों के मुताबिक संसद सत्र ख़त्म होने के बाद ये सभी समिति के सदस्य जिसमें क़रीब सौ सांसद हैं जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर जाएंगे. संसद की लोक लेखा समिति जिसके अध्यक्ष कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी हैं, उनके नेतृत्व में इसके सदस्य 14 से 18 अगस्त तक कारगिल और लेह के दौरे पर जाएंगे. यह समिति ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने वाले सैनिकों के कपड़ों, उपकरणों, राशन और आवास के प्रावधान के मुद्दे को मुख्य तौर पर देखेगी और वहां की वास्तविक स्थित को समझने की कोशिश करेगी.
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फिर बारी-बारी से रहेंगे इस तरह दौरे
इसके अलावा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थायी समिति 17 से 22 अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर और लेह का दौरा करेगी. ये वहां केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासनिक विकास और लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने वाले मुद्दों को देखेंगे. लेह के अलावा समिति श्रीनगर और जम्मू का दौरा करेगी. इस दौरान गृह मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से मिलेगी और वहां की स्थिति पर चर्चा करेगी. इतना ही नहीं संसद की ऊर्जा पर स्थायी समिति भी 21 से 26 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी और इसे चीज़ पर चल रहे कामों को देखेगी. इसके अलावा वाणिज्य पर संसद की स्थाई समिति के सदस्य वी विजयसाई रेड्डी के नेतृत्व में 24-28 अगस्त से जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकती है और वहां निर्यात को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे के बुनियादी ढांचे की सुविधाएं बढ़ाए जाने के विषय और संभावना को तलाश करेगी.
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सितंबर तक चलेंगे दौरे
सूत्रों के अनुसार संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद संसद की सबॉर्डिनट लेजिस्लेशन पर बनी स्थाई समिति भी जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकती है. इसके बाद विदेश मामलों की स्थाई समिति भी सितम्बर महीने में केन्द्र शासित प्रदेश के दौरे पर जा सकती है. आपको बता दें की जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 ख़त्म हुए दो साल हो गए हैं. कुछ सप्ताह पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर जम्मू कश्मीर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की थी. प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के समूह से कहा कि वह दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को मिटाना चाहते हैं. अब होने वाले इन दौरों से राज्य के विकास और और कामकाज की पारदर्शिता और तेज़ी आ सकती है.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर से दिल औऱ दिल्ली की दूरी मिटाने की मुहिम
- संसद की सभी 7 स्थायी समिति के सदस्य दौरा कर तलाशेंगे नई संभावनाएं
- मॉनसून सत्र के खत्म होने पर शुरू होंगे दौरे, जो चलेंगे सितंबर तक