मोदी सरकार (Modi Government) अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले हफ्ते से संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) चलाने पर विचार कर रही है. मॉनसून सत्र के कार्यवाही के दौरान पार्लियामेंट सदस्य उपस्थित हों इसकी संभावना पर सरकार विचार कर रही है. हालांकि इसपर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए कैसे सत्र आयोजित किया जाए उसपर चर्चा की जा रही है. सरकार के सूत्रों ने कहा कि सत्र की अवधि और इसके आयोजन का तरीका सत्र की शुरुआत के समय मौजूदा स्थिति पर निर्भर करेंगे. हालांकि, सरकार का इरादा पूर्ण सत्र आयोजित करने का है.
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कई अध्यादेश को संसद में पेश करने की जरूरत है. सूत्रों की मानें तो अध्यादेश पेश करने के लिए मानसून सत्र सामान्य अवधि का होगा. मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा कि संसद का मानसून सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू हो जाएगा.
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संसद का बजट सत्र 3 अप्रैल तक निर्धारित था लेकिन उससे पहले ही 23 मार्च को सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था. सरकार ककई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एक विकल्प यह भी है कि लोकसभा की बैठक केंद्रीय कक्ष (सेंट्रल हॉल) में हो, वहीं राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित की जाए. वहीं 'डिजिटल संसद' की संभावना पर विचार किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau