मॉनसून सत्र के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुराद पूरी होती दिखाई दे रही है। कुछ दिनों पहले अपने अमेठी दौरे पर राहुल ने पीएम मोदी के सामने संसद में 15 मिनट बोलने देने की मांग की थी।
राहुल ने कहा था कि अगर वो संसद में 15 मिनट बोलेंगे तो संसद में भूकंप आ जाएगा और पीएम मोदी उनके सामने खड़े नहीं रह पाएंगे।
गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को बोलने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। जिसमें कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार को घेरेंगे।
ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं है कि इस दौरान राहुल गांधी को बोलने के लिए 15 मिनट निर्धारित किए गए हैं।
बता दें कि कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल के 15 मिनट वाले बयान को लेकर पीएम मोदी ने पलटवार किया था और उनसे 15 मिनट में केवल 5 बार विश्वेश्वरैया का नाम लेकर दिखाने की बात की थी।
हालांकि इसके बाद राहुल ने विश्वेश्वरैया बोलने की कोशिश की थी पर वो असफल रहे।
शुक्रवार को बहस के लिए बीजेपी (273) को 3 घंटा 33 मिनट, कांग्रेस (48) को 38 मिनट, एआईएडीएमके (37) को 29 मिनट, तृणमूल कांग्रेस (34) को 27 मिनट, बीजेडी (19) को 15 मिनट, शिवसेना (18) को 14 मिनट, टीडीपी (16) को 13 मिनट, टीआरएस (11) को 9 मिनट, सीपीएम (9) को 7 मिनट, एनसीपी (7) को 6 मिनट, एसपी (7) को 6 मिनट और एलजीएसपी (6) को 5 मिनट का समय दिया है।
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केंद्र की मोदी सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार ' अविश्वास प्रस्ताव' का सामना करना पड़ रहा है। जहां आज (शुक्रवार) को सदन के पटल पर होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर मोदी सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है वहीं यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पास संख्या-बल होने का दावा किया है।
क्या है लोकसभा का गणित
अंकगणित के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास कुल 273 सांसद हैं। वहीं अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सहयोगियों को मिला दिया जाए तो आंकड़ा 310 के पार चला जाता है।
वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पास मात्र 63 सांसद हैं। जबकि अन्य दलों के कुल 157 सासंद है। आंकड़ो के मुताबिक अगर सभी विपक्षी दलों को मिला भी दिया जाए तो भी सरकार के लिए कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वोटिंग के दौरान एआईएडीएमके के 37 और टीआरएस के 11 सांसद सदन में अनुपस्थित रहेंगे। ऐसे में बीजेपी के लिए कहीं से कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।
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Source : News Nation Bureau