संसद सुरक्षा चूक मामले में बड़ा अपडेट है. घटना की तफ्तीश कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनकी कस्टडी अब सात दिन के लिए पुलिस को दे दी गई है. पड़ताल में पूछताछ के दौरान चारों आरोपियों ने वारदात से तीन दिन पहले के घटनाक्रम के बारे में तफ्सील से बताया है. मिली जानकारी के अनुसार, मामले में आरोपी सागर इस प्लान में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसलिए गिरफ्त में आए अन्य आरोपी मनोरंजन को हफ्ते में दो से तीन बार कॉल करता था.
हालांकि ये वारदात बीते 13 दिसंबर की है, मगर खबर है कि इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए मामले का कथित मास्टरमाइंड ललित झा, तीन दिन पहले यानि 10 दिसंबर की रात ही गुरुग्राम स्थित विक्की के घर पहुंच गया था. वहीं ठीक अगली ही सुबह, मनोरंजन कर्नाटक के बेंगलुरु से फ्लाइट पकड़कर गुरुग्राम पहुंच गया.
ठीक तीन रात, पांचों आरोपी विक्की के गुरुग्राम वाले घर पर ही रहे. ये वही वक्त था, जब सभी लगातार संसद में एंट्री के लिए पास जुटाने की कोशिश कर रहे थे. आखिरकार तीन दिन तक चली कोशिश में तय हुआ कि, सागर और मनोंरजन लोकसभा के अंदर दाखिल होंगे, जहां वो अपनी करतूत को अंजाम तक पहुंचाएंगे, जबकि नीलम, अमोल और ललित संसद के बाहर ही रहेंगे और प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि फिलहाल मामले से जुड़ा एक आरोपी ललित झा फरार चल रहा है.
आखिर 13 दिसंबर ही क्यों?
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस इसी एक फरार आरोपी ललित झा को मास्टरमाइंड करार दे रही है. जानकारी के अनुसार, इस कथित मास्टरमाइंड के गिरफ्तार होने के साथ ही घटना से जुड़ी तमाम तस्वीरें स्पष्ट हो पाएंगी. साथ ही इससे पूछताछ में कई तथ्यों का खुलासा होगा.
सूचना मिली है कि, वो ललित झा ही था, जिसने संसद के अंदर इतनी बड़ी सेंध की वारदात को अंजाम तक पहुंचाने की तारीख तय की थी. उसने अपनी इस करतूत को अंजाम देने के लिए ठीक उसी दिन को चुना, जिस दिन संसद तकरीबन 22 साल पहले हमला हो चुका था. खबर ये भी है कि, गुरुग्राम में सभी के मिलने का प्लान भी ललित झा का ही था. लिहाजा दिल्ली पुलिस उसे ही पूरी घटना का करता-धरता करार दे रही है. पुलिस का कहना है कि अब ललित की गिरफ्तारी के साथ ही मामला सुलझने के करीब पहुंचेगा.
Source : News Nation Bureau