Mallikarjun Kharge News: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बीच सोमवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) पर चल रहे विवाद और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को बीजेपी पर निशाना साधा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर बहस के दौरान राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान खड़गे ने कहा कि, ''पीएम मोदी ने भारत को शर्मिंदा किया. वे घमंडिया गठबंधन कहते थे, वे कहते थे कि मोदी है तो कुछ भी संभव है. लेकिन बीजेपी का अहंकार 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद टूट गया."
ये भी पढ़ें: New Criminal Law: न्यू क्रिमिनल लॉ से कांग्रेस को आपत्ति, बताया जबरदस्ती
पीएम मोदी के बयानों पर जताई आपत्ति
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने चुनावी रैलियों के दौरान पीएम मोदी के धन के पुनर्वितरण, मंगलसूत्र, आरक्षण और 'मुजरा' समेत अन्य मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी की "एक अकेला सब पे भारी" टिप्पणी पर भी कटाक्ष किया और कहा, "एक अकेले पर आज कितने लोग भारी हैं, चुनाव ने दिखा दिया कि देश का संविधान और जनता सब पर भारी है. चुनावों ने साबित कर दिया कि संविधान और जनता हर चीज पर भारी हैं."
पेपर लीक पर भी बोले खरगे
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पेपर लीक से हजारों नीट अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले तो पेपर लीक होने से इनकार किया लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया और स्वीकार किया कि अनियमितताएं हुई हैं. विपक्ष के नेता ने अग्निपथ योजना को खत्म करने का भी आग्रह किया, "राष्ट्रपति ने कहा है कि हम साथ मिलकर काम करेंगे. लेकिन शब्द केवल भाषण तक ही सीमित हैं, कार्रवाई में नहीं."
ये भी पढ़ें: Parliament Session: संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सवा दो बजे तक के लिए स्थगित
विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी का उठाया मुद्दा
उन्होंने विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और "विपक्ष को चुप कराने" के प्रयास में प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर भी सरकार की आलोचना की. "इस चुनाव में देखा गया कि एक बड़ा मुद्दा संविधान की रक्षा करना था. भाजपा ने कहा कि वह संविधान में संशोधन करेगी. लेकिन चुनावों ने साबित कर दिया कि मुद्दे आते-जाते रहते हैं लेकिन संविधान कायम रहेगा, लोकतंत्र जीवित रहेगा, चुनाव होते रहेंगे और हम भी यहीं रहेंगे." , “खड़गे ने कहा.
आम लोगों ने दिया विपक्ष का साथ- खरगे
उन्होंने कहा, "आम लोगों ने इस लड़ाई में विपक्ष का साथ दिया. उन्होंने संविधान की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया." विपक्ष के नेता ने संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों के स्थानांतरण पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "कोई बैठक या पूर्व परामर्श नहीं हुआ था. यह ऐसा किया गया जैसे सत्तावादी शासन में हो." उन्होंने उस समिति के साथ चर्चा का आग्रह किया जिसमें विपक्ष के नेता, सदस्य और सदन के अध्यक्ष शामिल हैं.
ये भी पढ़ें: Amit Shah On New Criminal Law: क्यों लाया गया नया आपराधिक कानून, गृहमंत्री अमित शाह ने बताई वजह
हालांकि, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह उचित और व्यवस्थित तरीके से किया गया है और आलोचना के लिए आलोचना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सदस्यों से नए स्थान का दौरा करने का भी आग्रह किया. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने भी खड़गे की आलोचना पर आपत्ति जताई और स्पष्ट किया कि मूर्तियां सिर्फ किसी स्थान पर नहीं रखी गईं बल्कि उन्हें उचित सम्मान के साथ स्थानांतरित किया गया और उचित स्थान दिया गया.
Source : News Nation Bureau