Parliament Special Session: देश में अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर बहस छिड़ गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह केंद्र सरकार द्वारा 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर आगे बढ़ना है. इसको लेकर बनाई गई एक समिति का अध्यक्ष देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है. समिति की रिपोर्ट सामने आने पर इस मुद्दे पर चर्चा होगी. वहीं, मोदी सरकारी ने 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया है. संसद का यह सत्र 22 सितंबर तक चलेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे.
"Democracy about evolution" Parliamentary affairs minister on 'One Nation, One Election' proposal
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एक राष्ट्र, एक चुनाव पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी. संसद में चर्चा होगी. घबराने की बात क्या है?...बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा. पत्रकारों से बात करे जोशी ने कहा कि विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा जरूर होगी. यही वजह है कि इन संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इससे पहले दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की, जो 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए एक समिति के प्रमुख होंगे.
Nadda meets Kovind, former President to head committee to study 'One Nation, One Election'
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संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सदीय व्यवस्था की सारी मान्यताओं को यह सरकार तोड़ रही है. अगर विशेष सत्र बुलाना था तो सरकार को सभी विपक्षी पार्टियों से कम से कम अनौपचारिक तौर पर बात करनी चाहिए थी. अब किसी को नहीं पता है कि एजेंडा क्या है और सत्र बुला लिया गया है. माना जा रहा है कि सरकार संसद के विशेष सत्र में एक राष्ट्र, एक चुनाव के बिल को पेश कर सकती है. इसके साथ ही सरकार लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में सीधे ( प्रत्यक्ष रूप से ) निर्वाचित होने वाली महिलाओं के लिए रिजर्वेशन संबंधी बिल ला सकती है. लेकिन इन दोनों ही बिल को पास कराने के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़गी. जिसके लिए दोनों सदनों के दो तिहाई सदस्यों की सहमति होनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau