फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने कहा सरकार हमला बंद करे

लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने लगाए नारे- 'विपक्ष पर हमला बंद करो, फारूक अब्दुल्ला जी को रिहा करो, वी वॉन्ट जस्टिस (हम न्याय चाहते हैं).'

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Dhirendra Kumar
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फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने कहा सरकार हमला बंद करे

फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर हंगामा, विपक्ष ने कहा सरकार हमला बंद करे( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Parliament Winter Session: आज यानी सोमवार 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है. फारुख अब्दुल्ला की नजरबंदी के खिलाफ विपक्षी सदस्यों ने काफी हंगामा किया. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, 'फारूक अब्दुल्ला जी को हिरासत में लिए हुए आज 108 दिन हो गए हैं. ये क्या जुल्म हो रहा है? हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में लाया जाए. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.

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वहीं लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने लगाए नारे- 'विपक्ष पर हमला बंद करो, फारूक अब्दुल्ला जी को रिहा करो, वी वॉन्ट जस्टिस (हम न्याय चाहते हैं).' अधीर रंजन चौधरी ने इस दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी कवर को वापस लेने का मुद्दा भी सदन में उठाया. हंगामे की वजह से राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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कांग्रेस ने जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने और उसपर सार्थक चर्चा की वकालत की
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा है कि हम प्रधानमंत्री मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी से उम्मीद करते हैं कि आम जनता के हित से जुड़े सभी मुद्दों पर संसद के अंदर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद चर्चा, बहस और संवाद के लिए होती है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सरकार पर पूरी तरह से निर्भर है कि वह सदन को सुचारू रूप से चलाए ताकि विपक्षी दल अपनी बातों को सदन के समक्ष रख सकें और अपनी राय को सही तरीके से व्यक्त कर सकें. यही सही मायने में लोकतंत्र का सार है.

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सभी दलों से शीतकालीन सत्र को सार्थक और उपयोगी बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि वाद हो, विवाद हो, लेकिन संवाद हो. संसद में होने वाली बहस को सार्थक और उपयोगी बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना जरूरी है.

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वाद हो, विवाद हो लेकिन सार्थक संवाद हो: नरेंद्र मोदी
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों से आह्वान किया कि सदन में पारित होने वाले बिल के लिए सिर्फ ट्रेजरी बेंच को ही श्रेय नहीं जाना चाहिए. प्रत्येक विधायी काम के लिए श्रेय के हकदार सभी सांसद होते हैं. मानसून सत्र इस लिहाज से अभूतपूर्व रहा है, जिसके लिए समस्त सदन बधाई की हकदार है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 का यह आखिरी सत्र है, जिसे अभूतपूर्व बनाने के लिए सभी को एक साथ आना होगा. यह सत्र काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्यसभा का भी 250वां सत्र है. सरकार इसके महत्व को समझते हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.

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