Advertisment

वैक्सीन की कमीः संसदीय समिति ने मार्च में ही दी थी चेतावनी, प्रोडक्शन बढ़ाने की अपील भी की थी

इस चरण में 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन देने की इजाजत मिल चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी वैक्सीन की कमी होने के कारण कई राज्यों में युवाओं को अभी वैक्सीन (Corona Vaccine) के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. 

author-image
Karm Raj Mishra
एडिट
New Update
PM Modi

PM Modi ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर से कोहराम मचा हुआ है. इस बीच वैक्सीनेशन (Vaccination) का तीसरा चरण भी शुरू हो चुका है. लेकिन देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी (COVID-19 Vaccine Shortage) के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है. इस चरण में 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन देने की इजाजत मिल चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी वैक्सीन की कमी होने के कारण कई राज्यों में युवाओं को अभी वैक्सीन (Corona Vaccine) के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इस बीच एक अहम जानकारी सामने आई है, संसद की स्थायी समिति ने मार्च में ही मोदी सरकार को वैक्सीन की कमी को लेकर सतर्क किया था. लेकिन उस वक्त सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- Coronavirus Updates: BHU के वैज्ञानिकों का दावा, 2-3 हफ्तों में कम हो जाएगी कोरोना की रफ्तार

8 मार्च को समिति ने पेश की थी रिपोर्ट

संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के जरिए केंद्र सरकार को सूचित किया था कि देश में वैक्सीन की कमी होने वाली है. संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से अपील की थी कि तुरंत वैक्सीन के प्रोडक्शन को युद्ध स्तर पर बढ़ाया जाए. लेकिन तब ऐसा नहीं किया गया. विज्ञान-प्रोद्यौगिकी और वन पर्यावरण संबंधित संसद की स्थायी समिति ने इसी साल फरवरी-मार्च महीने में अपनी बैठक में वैक्सीनेशन पर गहन चर्चा की थी. ये रिपोर्ट संसद के सदन पटल पर 8 मार्च को रखी गई थी. 

इस समिति में 14 मेंबर्स बीजेपी के हैं

इस समिति में कुल 31 सदस्य हैं, जिनमें से 14 बीजेपी के मेंबर हैं. इस कमेटी के कई सदस्यों ने दोनों वैक्सीन का उत्पादन युद्ध स्तर पर बढ़ाने की सिफारिश की थी. इसके अलावा इस समिति ने टीकाकरण की रफ्तार को भी तेज करने की सिफारिश की थी. समिति ने कहा था कि उत्पादन और टीकाकरण की रफ्तार दोनों को समानुपातिक तौर पर पूरे तालमेल के साथ बढ़ाए जाने की जरूरत है ताकि समाज के अंतिम जरूरतमंद नागरिक तक को आसानी से टीका लगाया जा सके. 

कांग्रेस ने भी साधा निशाना

सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय पार्टी की बैठक में कहा कि देश में सभी लोगों को कोरोना से बचाने के लिए फ्री वैक्सीन लगे, इसके लिए संसद से 35 हजार करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ था. उसके बावजूद आज सभी राज्यों से वैक्सीन के पैसे वसूले जा रहे हैं. केंद्र के 'अधिकार-प्राप्त समूह' और कोविड के लिए बनाई गई राष्ट्रीय टास्क फोर्स द्वारा जो सुझाव दिए गए थे, उनका क्या हुआ. किसी ने उन पर अमल किया है. इनकी तरफ से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने की चेतावनी दी गई थी, मगर इसके बावजूद केंद्र सरकार तैयारी नहीं कर सकी.

ये भी पढ़ें- संक्रमितों को 6 माह बाद लगे वैक्सीन, दो डोज में हो 12-16 हफ्तों का अंतरः सिफारिश

सोनिया गांधी ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सुझावों पर अमल नहीं किया. नतीजा दूसरी लहर में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाओं की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. विदेशों में वैक्सीन जा रही है, लेकिन अपने लोगों को पर्याप्त वैक्सीन नहीं मिल पा रही. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर से पहले टास्क फोर्स ने केंद्र सरकार को ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में सुझाव दिए थे, लेकिन उनकी तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया. वैक्सीन की कमी को देखते हुए दूसरी कंपनियों को उसके उत्पादन का लाइसेंस तक जारी नहीं किया गया.

HIGHLIGHTS

  • 8 मार्च को संसदीय समिति ने पेश की थी रिपोर्ट
  • रिपोर्ट में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने की अपील की गई थी
PM modi Modi Government corona-vaccine कोरोना वैक्सीन Parliamentary Committee वैक्सीन की कमी Corona vaccine shortage कोरोना वैक्सीन संसदीय समिति Parliamentary Committee on Corona Vaccine
Advertisment
Advertisment