शीतकालीन सत्र से पहले रणनीति को लेकर सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. बैठक में फारुख अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया गया. इस बैठक में एनडीए के सभी नेता शामिल हुए. हालांकि शिवसेना इस बैठक से दूर रही. इसके अलावा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी राज्य सभा के नेताओं की मीटिंग बुलाई है, जिसमें वह सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील करेंगे.
शिवसेना रहेगी बैठक से दूर
बीजेपी की संसदीय एजुकेटिव की मीटिंग हुई. सहयोगी दलों में बेहतर को-आर्डिनेशन को लेकर एनडीए की मीटिंग बुलाई गई. लेकिन इस बैठक में शिवसेना शामिल नहीं हुई. नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कुछ दिनों पहले इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद से महाराष्ट्र में शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है.
PM नरेंद्र मोदी भी रखेंगे अपनी बात
सरकार की बुलाई गई सभी दलों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी बात रखी. सभी दलों से शीतकालीन सत्र में प्रमुख बिलों को पास कराने के लिए सहयोग मांगा गया. उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि सदन के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में सभी सहयोग दें. जो भी जनता से जुड़े मुद्दे हैं उन पर वह चर्चा करने को तैयार हैं.
विपक्ष पेश करेगा चुनौती
शीतकालीन सत्र में कुछ मुद्दों को लेकर सरकार के सामने विपक्ष परेशानी भी खड़ी कर सकती है. विपक्ष ने शनिवार को साफ कर दिया है कि वह मंदी, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे के अलावा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने और वहां की स्थिति के बारे में भी सरकार से सवाल करेगा. कांग्रेस गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो