बैकफुट पर आई दीदी, पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाया

पश्चिम बंगाल में  सर्विस कमीशन घोटाले को लेकर सियासत गरमा गई है. पार्थ चटर्जी पर ममता सरकार ने सख्त एक्शन ले लिया है.

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Shubhrangi Goyal
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पार्थ चटर्जी ( Photo Credit : ANI)

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पश्चिम बंगाल में  सर्विस कमीशन घोटाले को लेकर सियासत गरमा गई है. पार्थ चटर्जी पर ममता सरकार ने सख्त एक्शन ले लिया है. शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें हटा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने मांग की है कि घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाया जाना चाहिए. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आज शाम एक बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा बुलाई गई यह बैठक पार्टी के कोलकाता कार्यालय में शाम पांच बजे होगी.  

वहीं पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाने के बाद ममता बनर्जी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, 'मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है. मेरी पार्टी सख्त कार्रवाई करती है. इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन मैं विवरण में नहीं जाना चाहती.' पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे. जब वह शिक्षा मंत्री थे उस दौरान यह घोटाला हुआ था जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.

साथ ही पार्टी से भी तत्काल उन्हें निकाला जाना चाहिए. वहीं टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने भी उन्हें हटाने की मांग की है.  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के मुताबिक, पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट्स से अब तक 50 करोड़ रुपये कैश और करीब 6 किलो गोल्ड जब्त किया गया था. साथ ही छापे के दौरान कुछ संपत्तियों और विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे.  

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तीन जगह हुई थी छापेमारी

 रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के अफसरों ने दक्षिण कोलकाता के राजडांगा और शहर के उत्तरी किनारे के बेलघरिया में तीन जगह अर्पिता की संपत्तियों पर छापेमारी की थी. पूछताछ के दौरान ही अर्पिता ने ईडी को इन संपत्तियों के बारे में जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि ईडी की टीम को बेलघरिया के रथला इलाके में उसके दो फ्लैटों में घुसने के लिए चाबी नहीं थी, जिस वजह से उनको दरवाजा तोड़ना पड़ा. वहीं तलाशी के दौरान फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी मिले. मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ में पार्थ चटर्जी टीम का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे थे. बता दें टीएमसी के मुखपत्र जागो बांग्‍ला ने अब चटर्जी का मंत्री या पार्टी के महासचिव के तौर पर नाम देना बंद कर दिया है. हालांकि मुखपत्र की प्रिंटलाइन पर अखबार के तौर पर उनका नाम बरकरार है.  

 

HIGHLIGHTS

  • टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने भी उन्हें हटाने की मांग की
  • तलाशी के दौरान फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी मिले
  • 50 करोड़ रुपये कैश और 6 किलो गोल्ड जब्त किया गया
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