मोदी सरकार में जल्द ही उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लगने वाला है। वित्त मंत्रालय पासपोर्ट, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और परीक्षा जैसी सेवाओं के लिए वसूले जाने वाले सर्विस शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
वित्त मंत्रालय ने मंत्रालयों और अन्य विभागों को इन सेवाओं पर खर्च की लागत को वसूलने के लिए उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले शुल्क में बढ़ोतरी करने को कहा है।
मसलन संघ लोक सेवा आयोग सिविल सर्विस की परीक्षा के लिए छात्रों से 100 रुपये की फीस लेता है लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी लागत में बढ़ोतरी हुई है। वहीं रेलवे की कई सेवाओं पर भी सब्सिडी दी जाती है लेकिन लागत में बढ़ोतरी होने के बावजूद इनकी फीस में पिछले कई सालों से बढ़ोतरी नहीं की गई है।
पासपोर्ट के लिए फी अंतिम बार 2012 में 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये की गई थी। देश का राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में ही पूरे वर्ष के बजट अनुमान के 83.9 पर्सेंट पर पहुंच गया है। इस वजह से खर्च घटाने को लेकर सरकार अब सजग हो गई है।
Source : News Nation Bureau