दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के मुताबिक पुलिस की पीसीआर वैन को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करना होगा. हाईकोर्ट का मानना है कि किसी भी आपात स्थिति या आपराधिक घटना होने पर घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाली पीसीआर वैन ही होती है. ऐसे में वैन में आई पैड घटनास्थल से सबूत एकत्र कर उन्हें सही तरीके से सहेज सकेगा. इस बारे में उच्च न्यायालय ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सभी पीसीआर वैन को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने को कहा है.
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सिपाहियों को भी दिया जाए प्रशिक्षण
दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी के मुताबिक किसी भी अपराध से जुड़े घटनास्थल पर सबसे पहले पीसीआर वैन ही पहुंचती है. ऐसे में उनमें अच्छा मोबाइल, आईपैड या ऑडियो-वीडियो उपकरण होना चाहिए. इसके जरिये पुलिस घटनास्थल से सबूतों को रिकॉर्ड कर उन्हें अदालत में पेश कर सकेगी. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पीसीआर वैन में चलने वाले सिपाहियों को पर्याप्त प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करनी होगी.
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अदालत में मुकदमे के दौरान मिलेगी मदद
दिल्ली उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी दहेज हत्या से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सामने आई. इसमें अदालत ने पाया कि पुलिस ने घटनास्थल का ठीक से फोरेंसिक ऑडिट नहीं किया और सबूतों को नष्ट कर दिया. इसका फायदा सीधे-सीधे आरोपियों को मिला. इसमें अपराध के बाद पुलिस को फोन कर बुलाने वाला गवाह भी बाद में मुकर गया. इस कारण आरोपियों को उसके मुकरने का फायदा मिला.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी पीसीआर वैन को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने को कहा.
- पीसीआर वैन में चलने वाले सिपाहियों को सही प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.
- इस तरह उपलब्ध साक्ष्यों को अदालत में नकारना होगा मुश्किल.