अक्टूबर-नवंबर में जम्मू-कश्मीर में निगम और पंचायत चुनाव होने हैं। इसे लेकर विरोध के सुर फूटने लगे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) ने भी चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। पूर्व सीएम और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 35A पर केंद्र सरकार का रूख साफ करने की बात कहा है। पीडीपी के कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रफी मीर ने बताया कि पीडीपी पंचायत चुनावों से दूर रहेगी। मौजूदा हालात चुनावों के लिए उपयुक्त नहीं है और जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35A पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती, पीडीपी इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी।
पार्टी प्रवक्ता रफी मीर ने कहा, 'हम नेशनल कॉन्फ्रेंस से किसी मामले में प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं, लेकिन पीडीपी चाहती है कि सरकार 35ए और चुनाव से जुड़े कई और मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करे।'
But we are the main political party, we have always participated in election. We should not be seen running away from electio, we are going to participate. We will take a final call & share with you: Rafi Ahmad Mir, PDP on local body elections in J&K pic.twitter.com/r0inD8vLHZ
— ANI (@ANI) September 6, 2018
इसके आगे रफी ने कहा कि पीडीपी (PDP) हमेशा से जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टी रही है और उसने हमेशा चुनाव में हिस्सा भी लिया है।
उन्होंने कहा, 'हम फिलहाल चुनाव के बहिष्कार की बात नहीं कह रहे हैं और ना ही इससे दूर भाग रहे हैं। पार्टी तब तक पंचायत चुनाव के संबंध में फैसला नहीं लेगी, जब तक कि सरकार तमाम मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट ना कर दे और जब भी कोई निर्णय होगा उसे मीडिया से साझा किया जाएगा।'
और पढ़ें : मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी से हाथ मिलाना पीड़ादायक रहा : महबूबा मुफ्ती
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी चुनाव का किया बहिष्कार
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बुधवार को अब्दुल्ला ने कहा था कि जबतक केंद्र सरकार आर्टिकल 35A पर अपना रूख साफ नहीं करती है तबतक चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।
क्या है अनुच्छेद 35A
अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है। इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थायी निवासियों' से जुड़े हुए हैं। इसके तहत राज्य के पास यह अधिकार है कि वो दूसरे जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को किसी तरह की सहूलियत दे या फिर ना दे। अनुच्छेद 35A दरअसल अनुच्छेद 370 से ही जुड़ा है। इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता इसके साथ ही वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही इस पर सुनवाई
गौरतलब है कि अनुच्छे 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 35A के मुद्दे पर राज्य में लगातार विरोध हो रहा है। अभी जम्मू-कश्मीर में किसी भी पार्टी की सरकार नहीं है। वहां राज्यपाल शासन लागू है।
Source : News Nation Bureau