सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की खंडपीठ गुरुवार को पेगासस घोटाले की विशेष जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. जिसमें आरोप लगाया गया है. राजनेताओं, एक्टविस्ट और पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और अन्य लोगों की इजरायली स्पाइवेयर द्वारा जासूसी करवाए गए हैं. ये याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास और अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की हैं. इससे पहले शुक्रवार को सीजेआई एनवी रमना ने अगस्त के पहले हफ्ते में याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. वहीं कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुनवाई मंगलवार या बुधवार को नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वो दूसरे मामलों में व्यस्त हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट करते समय इसे ध्यान में रखेंगे.
दायर याचिकाओं में शीर्ष अदालत से सरकार को यह बताने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि क्या उसने स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है या इसका इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी की निगरानी के लिए किया है या नहीं? याचिकाकर्ताओं के अनुसार, एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब द्वारा फॉरेंसिक जांच विश्लेषण में पाया गया है कि संभावित लक्ष्य के रूप में सूचीबद्ध लोगों के फोन की निगरानी की गई है और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया है.
पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की अनुमति देने के लिए विपक्षी सदस्य संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस दे रहे हैं, जिसे अध्यक्ष खारिज कर रहे हैं. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल फोन नंबर इजरायली फर्म एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके निगरानी के लिए संभावित लिस्ट में थे. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.
शुक्रवार को सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने पेगासस मामले को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के संज्ञान में लाया था. सिब्बल ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम की याचिका को CJI के समक्ष मेंशन किया और जल्द सुनवाई की मांग की थी. इस पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि वो अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेंगे लेकिन वर्क लोड भी देखना होगा. अब उस केस की लिस्टिंग गुरुवार के लिए हुई है. खुद CJI इस मामले को देखेंगे.
Source : News Nation Bureau