Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज आदेश जारी कर सकता है. केंद्र की ओर से पहले ही इस मामले में विशेषज्ञ कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके बाद कोर्ट ने इसे लेकर कुछ नाम भी सुझाए थे. हालांकि बाद में इन विशेषज्ञों ने अपने निजी कारणों से खुद को कमेटी में शामिल होने से असमर्थता जता दी. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 15 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं. पेगासस मामले पर संसद का पूरा मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था. विपक्षी दलों ने संसद में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा किया.
15 याचिकाएं हैं लंबित
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं लंबित हैं. ये याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई जाने-माने लोगों की हैं. उन्होंने राजनेताओं, पत्रकारों, पूर्व जजों और सामान्य नागरिकों की स्पाईवेयर के ज़रिए जासूसी का आरोप लगाया है. मामले की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को आदेश सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि वह एक विशेषज्ञ कमेटी बनाएगी, जिसमें सरकार का कोई आदमी नहीं होगा. यह कमेटी कोर्ट की निगरानी में काम करेगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी.
कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों का फोन हैक करने का दावा
बता दें कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए हैं. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- कुछ सदस्यों ने कमेटी में शामिल होने में जताई असमर्थता
- 300 से अधिक हस्तियों के कथित तौर पर फोन हैक करने का दावा
- याचिकाकर्ताओं ने किया कमेटी बनाने का विरोध
Source : News Nation Bureau