अब देश में 1 अप्रैल से कहीं भी किसी भी काम के लिए 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर सरकारी पेनाल्टी वसूलेगी। एक इंटरव्यू में रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने इस बात की जानकारी दी।
हालांकि 1 फरवरी को पेश किए गए साल 2017-18 के बजट में भी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी थी। सरकार ने यै फैसला कैश ट्रांजैक्शन को कम करने और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के मकसद से लिया है।
ये भी पढ़ें: पनीरसेल्वम का इस्तीफा, शशिकला होंगी तमिलनाडु की अगली CM, विधायक दल का नेता चुनी गईं 'चिनम्मा'
रेवेन्यू सेक्रेटरी के मुताबिक ज्यादातर कैश लेन-देन में कालेधन का इस्तेमाल होता है लेकिन कैश लेन-देन को कम करने पर कालेधन के इस्तेमाल में भी कमी आएगी।
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि अगर ये माना जाए कि किसी शख्स ने 4 लाख रुपये का कैश ट्रांजैक्शन किया तो जिस व्यक्ति ने पैसा लिया उसे उतनी ही पेनाल्टी यानि की 4 लाख रुपये सरकार को देने पड़ेंगे।
इसे आप दूसरे तरीके से ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आपने किसी दुकान से 3 लाख रुपये से ज्यादा की कोई घड़ी कैश देकर खरीदी तो उस दुकानदार को उतनी ही पेनाल्टी सरकार को देनी पड़ेगी जितनी की घड़ी की कीमत होगी।
ये भी पढ़ें: CIC ने प्रधानमंत्री कार्यालय से राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत से जुड़े एतिहासिक तथ्यों के बारे में जानकारी मांगी
रेवेन्यू सेक्रेटरी के अनुसार ये इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों को ज्यादा कैश लेन-देन से रोका जा सके और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिल सके।
इंटरव्यू में अधिया ने बताया कि नोटबंदी के बाद देश में बहुत हद तक कालेधन पर लगाम लगी है और सरकार नहीं चाहती कि भविष्य में दोबारा कालेधन का इस्तेमाल बढ़े इसलिए सरकार कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही है।
अधिया के मुताबिक 2 लाख रुपये से ज्यादा के किसी भी ट्रांजैक्शन पर पेन कार्ड नंबर देना जरूरी होगा। आम बजट पेश होने से कुछ दिनों पहले ही आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी ने सरकार को सुझाव दिया था कि कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार रुपये से ज्यादा के कैश लेन-देन पर पेनाल्टी वसूली जाए।
ये भी पढ़ें: राहुल ने कहा, हमारा गठबंधन यूपी के भविष्य का आइना है
Source : News Nation Bureau