कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, जो निश्चित ही चिंता का विषय है. रंगों का त्योहार होली भी बस चंद दिनों की दूरी पर है, ऐसे में एहतियात बेहद जरूरी है. लेकिन, एक सर्वे में यह बात पता चली है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 25 प्रतिशत लोग 29 मार्च को अपने परिवार और दोस्तों के साथ होली खेलने की योजना बना रहे हैं. देश में शुक्रवार को एक ही दिन में लगभग 60,000 मामले दर्ज किए गए. 'लोकलसर्किल्स' के एक सर्वेक्षण के अनुसार, यह सर्वे इस बात की ओर इशारा करता है कि अधिकांश लोग होली में घर पर ही रहने को तरजीह दे रहे हैं क्योंकि अगर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन लोगों पर सख्ती नहीं करता है तो बड़ी संख्या में लोग बाहर निकलेंगे और कोरोना फैलने का खतरा बढ़ सकता है.
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देश में पिछले कुछ हफ्तों से म्यूटेंट (उत्परिवर्ती) वायरस यानी यूके वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट वाले कोविड मामले देखे जा रहे हैं. इसके मद्देनजर नागरिकों द्वारा एहतियाती उपाय करने एवं कोविड नियमों का पालन करना अत्यंत अनिवार्य हो जाता है क्योंकि अगले सप्ताह से होली के साथ कई त्योहार शुरू हो रहे हैं. लोग अपने परिवार के साथ घर के अंदर ही उत्सव मना सकते हैं.
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सर्वेक्षण के अनुसार, हरियाणा में 42 प्रतिशत, दिल्ली में 23 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 18 प्रतिशत लोगों ने होली में सार्वजनिक समारोहों पर राज्य सरकारों के प्रतिबंध के बावजूद अपने परिवार के बाहर के लोगों के साथ होली खेलने की योजना बनाई है. लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 70 प्रतिशत लोगों ने होली पर एक से तीन दिन के लॉकडाउन का समर्थन किया है.
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गौरतलब है कि कई राज्यों में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देशित किया है कि वे होली के 2 दिवसीय उत्सव से पहले दैनिक मामलों की वृद्धि को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करें.
भारत में कोरोनावायरस के मामलों की दैनिक संख्या 6 नवंबर के बाद पहली बार 50,000 से अधिक हो गई है. पिछले 45 दिनों में दैनिक केस लोड 4 गुना से अधिक हो गया है. वर्तमान में 10 जिले ऐसे हैं जिनमें 5,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं, 78 जिलों में 500 से 5,000 के बीच सक्रिय मामले हैं. भारत के 736 जिलों में से 211 जिलों में अब 100 से अधिक सक्रिय कोविड मामले हैं.
मार्च के अंत से लेकर अप्रैल तक होली, शब-ए-बरात, चैत्र नवरात्रि, रामनवमी जैसे कई त्योहारों को देखते हुए राज्य सरकारों ने नागरिकों को अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी करना शुरू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा ने होली के लिए पहले से ही सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया है, जबकि मुंबई, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य जिलों में लॉकडाउन सहित इसी तरह के प्रतिबंधों को लागू किया गया है ताकि कोविड मामलों के प्रसार पर रोक लगाई जा सके.
लोकलसर्किल्स ने हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के निवासियों से प्रतिक्रियाएं लेते हुए 3 राज्य स्तरीय सर्वेक्षण किए. यहां राज्य सरकारों ने इस बात पर प्रतिबंध जारी किया है कि वे होली मनाने की योजना कैसे बनाते हैं. सर्वेक्षण में इन 3 राज्यों में 5000 से अधिक वैध निवासियों से इनपुट लिए गए.
हरियाणा के 40 प्रतिशत निवासियों ने अपने परिवार के बाहर के लोगों के साथ इस वर्ष होली खेलने की योजना बनाई है. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से होली मनाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. राज्य में 15 से 21 फरवरी तक 684 मामले दर्ज किए गए, जबकि 15 से 21 मार्च तक 4,691 मामलों को देखने के बाद यह निर्णय लिया गया था.
दिल्ली के 33 प्रतिशत लोगों ने इस वर्ष अपने परिवार के बाहर के लोगों के साथ होली खेलने की योजना बनाई है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 23 मार्च को आदेश दिया कि शहर में त्योहारों का सार्वजनिक उत्सव नहीं होगा, जिसमें होली भी शामिल है. 25 मार्च को दिल्ली में 1,254 नए मामले दर्ज किए गए जो 3 महीनों में सबसे अधिक था.
HIGHLIGHTS
- कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं
- त्योहारों के जश्न पर कोरोना के बादल
- दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में होली की गाइडलाइंस