करीब 15,000 लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि 52 फीसदी लोग सरकारी एजेंसियों के अपने आधार विवरणों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
इस सर्वेक्षण को नागरिक मंच लोकलसर्किल ने किया है। इसमें लोगों से उनके आंकड़ों की साइबर सुरक्षा के बारे में पूछा गया।
इसमें यूआईडीएआई द्वारा आधार जानकारी को हैकरों व सूचना विक्रेताओं से सुरक्षा में समर्थ होने को लेकर सर्वे में 20 फीसदी लोगों ने 'कुछ हद तक आश्वस्त' होने की बात कही, जबकि 23 फीसदी ने 'पूरा विश्वास' जताया।
और पढ़ें: सिंगल ब्रांड रिटेल में अब 100 फीसदी होगी FDI, विरोध में उतरी इंडस्ट्री
सर्वेक्षण के दूसरे मत में पूछा गया कि किसी नागरिक या संगठन द्वारा जनता के आधार की जानकारी अनधिकृत तौर उपयोग करने के लिए क्या दंड होना चाहिए।
इसके जवाब में 14 फीसदी लोग पांच साल की सजा और दो फीसदी लोग एक करोड़ रुपये के जुर्माने के पक्ष में थे। इस पर बहुसंख्यक 77 फीसदी का मानना था कि सजा व जुर्माना दोनों होना चाहिए।
इसी से जुड़े एक मतदान में 6,259 लोगों में से 70 फीसदी ने यूआईडीएआई द्वारा ट्रिब्यून अखबार के पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने को अपनी सहमति नहीं दी। ट्रिब्यून के पत्रकार ने आधार की जानकारी आसानी से हासिल किए जाने का खुलासा किया था।
और पढ़ें: बजट में मिल सकता है तोहफा, बढ़ाई जा सकती है टैक्स छूट की सीमा
Source : IANS