कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. इस वैरिएंट के कारण दुनियाभर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञ इस वैरिएंट की वास्तविक संक्रमण क्षमता जानने को लेकर लगातार रिसर्च जारी है. हाल ही में चीन में हुए एक स्टडी में सामने आया है कि सामान्य वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति की नाक में 1000 गुना ज्यादा वायरस मौजूद होते हैं. स्टडी में कहा गया है कि कोरोना के मूल वुहान वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है. स्टडी में कहा गया है कि इस वैरिएंट से पीड़ित मरीज ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है.
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मरीज के शरीर में होते हैं ज्यादा वायरस
स्टडी में सामने आया है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति ज्यादा वायरस उत्सर्जित करता है, इसीलिए वो ज्यादा लोगों को संक्रमित भी करता है. चीन के गुआंगडोंग प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन डिपार्टमेंट के शोधकर्ता जिंग लू और सहयोगियों ने 62 कोरोना संक्रमितों पर रिसर्च की है. बता दें कि इस वक्त चीन में डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप बढ़ रहा है. देश में कई जगह लॉकडाउन लगा दिया गया है और टेस्टिंग-ट्रेसिंग की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है. इससे पहले कुछ इसी तरह की चिंता विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जारी की थी. डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि डेल्टा स्वरूप के साथ जुड़ी बढ़ी हुई प्रसार क्षमता से मामले काफी हद तक बढ़ने और स्वास्थ्य ढांचों पर अत्यधिक दबाव डालने की आशंका है, खासकर टीका कम लगाए जाने के संदर्भ में.
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अल्फा वैरिएंट से 50 गुना ज्यादा खतरनाक
डेल्टा वैरिएंट से पहले ब्रिटेन में मिला अल्फा वैरिएंट कहर बरपा रहा था. अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट शेन क्रोट्टी का भी कहना है कि डेल्टा वैरिएंट यूनाइटेड किंगडम में मिले अल्फा वैरिएंट की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक हैं. स्टडी में सामने आया है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित रोगी के शरीर में वायरल पार्टिकल्स की संख्या कहीं ज्यादा होती है. खास बात यह है कि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है, उन्हें भी खास सावधानी बरतने की जरूरत हैं.