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लैब में तैयार हुआ कोरोना वायरस, इससे बचने के लिए 'Art of living' सीखना जरूरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि कोरोना संकट के दौरान लोगों को आर्ट ऑफ लिविंग सीखना जरूरी होगा

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Aditi Sharma
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नितिन ग़डकरी( Photo Credit : फाइल फोटो)

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि कोरोना संकट के दौरान लोगों को आर्ट ऑफ लिविंग सीखना जरूरी होगा जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क पहनना जैसी चीजें शामिल हैं. उन्होंने कहा कोरोना प्राकृतिक आपदा नहीं है बल्कि लैब में तैयार हुआ है इसलिए हमें ज्यादा सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा, पूरी दुनिया कोरोना का वैक्सीन तैयार करने में लगी हुई है और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी. लेकिन तब तक लोगों को आर्ट ऑफ लिविंग सीखना होगा.

उन्होंने कहा, भारत को मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक साथ काम करना होगा. उन्होंने कहा, हमारा एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा और इंपोर्ट कम करना होगा. अब कोई भी चीन के साथ व्यापार करना नहीं चाहता. हम दो चीजों पर ध्यान दे रहे हैं कि अब कौन सी चीजें सबसे ज्यादा इंपोर्ट हुई है और कितनी चीजें एक्सपोर्ट हुई है. इंपोर्ट की गई चीजों को हम खुद तैयार कर इंपोर्ट कम कर सकते हैं.

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आने वाले समय में देश को बदलना होगा. पॉजिटिविटी रखिए, नकारात्मकता को छोड़ दीजिए, कोरोना और आर्थिक, दोनों लड़ाई हम जीतेंगे, अपने ऊपर आत्मविश्वास बनाए रखिए. नितिन गडकरी ने कहा, लॉकडाउन भले ही रह सकता है लेकिन दुकाने खुल जाएंगी. छोटी-छोटी सेवाएं शुरू हो जाएंगी. लेकिन हमें सीखना होगा कि कोरोना के साथ हमें जीना कैसे है. 

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कृषि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, हमें मिल रहे मौंको का फायदा उठाना होगा. मैं सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख रहा हूं कि कोई बात पारदर्शिता के साथ कैसे करें. मैं राज्य सरकार से बात कर रहा हूं कि 15 दिनों में सब्सिडी दे दें. कृषि में गेहूं चावल के बजाय क्रोप पैटर्न पर ध्यान दिया जा सकता है. मक्के और राइस कर्ड से इथेनॉल बन सकता है. इथेनॉल की अब बहुत ज्यादा डिमांड गहैं. गन्ने का रस निकाल कर भी इथेनॉल भी बनाया जा सकता है. हमें इस प्रोडक्शन पर ध्यान देना चाहिए. हमें कृषि में डायवर्सिफिकेशन लानी होगी.

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