अयोध्या पर फैसले (AyodhyaVerdict) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. 17 नवंबर से पहले इस पर फैसला आ सकता है. देश भर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट (High Alert) पर हैं. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक चौकसी बरती जा रही है. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को अलावा आम लोग भी सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं.
उत्तर प्रदेश के बांदा शहर में अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले लोगों ने एक अनोखी मिसाल पेश की है. यहां आम लोग शहर को पूरी तरह से सीसीटीवी (CCTV) कैमरों से लैस कर रहे हैं. खास बात यह है कि इसमें सरकार का एक पैसा भी नहीं खर्च हुआ और पूरा खर्च आम लोगों और व्यापारियों द्वारा खुद उठाया जा रहा है.
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पुलिस सिर्फ लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए बुनियादी सहयोग कर रही है. कैमरों के अलग-अलग क्लस्टर कंट्रोल रूम इलाके के पुलिस स्टेशन में और मास्टर कंट्रोल रूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट को 'सिटी वाच' का नाम दिया गया है और इसका 80 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है, शेष हिस्सा भी एक-दो दिन में पूरा हो जाएगा.
पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा ने बताया, "आम लोगों और व्यापारियों के सहयोग से पूरे शहर को कैमरों की जद में ले लिया गया है. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से अंतिम चरण में है और यह अयोध्या पर आगामी फैसले से पहले चल रही तैयारियों में हमें मददगार बन रहा है."
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जल्द शुरू होगा मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम
अयोध्या में भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राममंदिर के लिए पत्थर तराशने के रूके काम पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सफाई दी है. विहिप का कहना है कि पत्थर तराशी का काम अनवरत चलने वाला है. तराशी का काम कुछ निजी कारणों से रूका था. एक सप्ताह में काम पुन: शुरू हो जाएगा. विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि पत्थर तराशी का काम बंद होने की अफवाह फैलाई गई है. जब कारसेवकों पर गोली चली तब अयोध्या में पत्थर तराशी का काम नहीं रूका तो अब क्या रूकेगा.
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सीजेआई ने मुख्य सचिव और डीजीपी से लिया सुरक्षा का जायजा
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाये जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. अयोध्या प्रकरण पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अगले सप्ताह अपना फैसला सुनायेगी. सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश के कक्ष में करीब एक घंटे यह बैठक चली. बैठक में उप्र के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये किये गये बंदोबस्त से प्रधान न्यायाधीश को अवगत कराया