देशभर में लगभग नौ करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतू (Arogya Setu App) मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड किया है. कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयास के तौर पर लाए गए इस ऐप का इस्तेमाल सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. कोविड-19 पर मंत्री समूह (जीओएम) की 14 वीं बैठक के दौरान अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. बैठक में आरोग्य सेतु ऐप्लिकेशन के प्रदर्शन, प्रभाव और लाभ से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई. सरकार ने बुधवार को कहा कि आरोग्य सेतु में कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन का कोई मामला नहीं है.
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दरअसल एक एथिकल हैकर ने ऐप्लिकेशन में सुरक्षा मुद्दे को लेकर चिंता जताई थी और विपक्षी कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इसकी आलोचना की है. मोबाइल ऐप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद करता है कि उन्हें कोविड-19 का खतरा है या नहीं. यह कोरोना वायरस और इसके लक्षणों से बचने के तरीकों सहित लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मंत्री समूह को सूचित किया गया कि लोगों ने ऐप्लिकेशन पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी दी है, जिसने कोविड-19 रोकथाम के लिए इसके किसी भी लक्षण से पीड़ित लोगों का पता लगाने में मदद की है.
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जीओएम बैठक की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि तकनीक का उपयोग महामारी रोकथाम की रणनीति के लिए अनिवार्य है और यह राज्यों को अधिक प्रभावी तरीके से इस घातक बीमारी से निपटने में मदद कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि यह मोबाइल ऐप कोविड-19 निरूद्ध क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए अनिवार्य होगा. मंत्रालय ने कहा था कि सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा. यह सुनिश्चित करना संबंधित संगठनों के प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी कि उनके यहां काम करने वाले सभी 100 प्रतिशत कर्मचारी इस ऐप का इस्तेमाल करें.
Source : Bhasha