मानसून का वक्त है. इस मौसम चाय तो सभी को पसंद है. पर चाय को लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएएआई) एक्शन में आ गई है. फूड सेफ्टी अफसरों को जांच के दौरान चाय की पत्तियों और डस्ट में कीटनाशक और रंग मिला है, जिसकी मात्रा काफी अधिक है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, खाने-पीने वाली चीजें बनाने और बेचने वाले लोग रोडामाइन-बी और कार्मोइसिन जैसे फूड कलर्स का इस्तेमाल करते हैं. इन्हें काफी अधिक जहरीला माना जाता है. एफएसएएआई सूत्रों की मानें तो चाय में कीटनाशक और उर्वरक पाए गए हैं और यह कैंसर का कारण बन सकती हैं.
कर्नाटक सरकार कर सकती है कार्रवाई
बता दें, कर्नाटक के जो चाय बागान चाय उगाते समय अधिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, उन पर कर्नाटक सरकार कार्रवाई करने वाली है. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्रालय ने विभिन्न उत्तरी कर्नाटक के जिलों से 48 सैंपल्स जमा किए हैं. यह वह जिले हैं, जहां चाय की खपत सबसे अधिक है, फूड अधिकारियों ने जांच में पाया है कि बागलकोट, बीदर, गादग, धारवाड़, विजयनगर, कोप्पल, हुबली और बल्लारी की चाय में बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सेहत के लिए यह खतरनाक होने वाला है.
लोगों को मिलावट के खिलाफ सतर्क कर रहे
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक मीडिया चैनल को बताया कि घटिया चाय बनाने वाले निर्माताओं के खिलाफ हम कार्रवाई करने के लिए तैयार है. हम लोगों को खराब क्वालिटी और अधिक प्रोसेस्ड फूड न खाने के लिए जागरुक कर रहे हैं. हम उन्हें हेल्दी फूड के लिए जागरुक कर रहे हैं. हम मिलावट के प्रति सतर्क हैं. उन्होंने कहा कि हम कबाब या फिर मंचूरियन पर भी प्रतिबंध नहीं लगा रहे हैं बल्कि, इनमें इस्तेमाल होने वाले हानिकारक पदार्थों पर बैन लगा रहे हैं. यहीं चायपत्ती के साथ है कि हम चाय पर प्रतिबंध नहीं लगा रहे बल्कि चाय को दूषित कर रहे हैं तत्वों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं.
बता दें, कर्नाटक सरकार ने इससे पहले गोभी मंचूरियन, पानी पूरी और कबाब सहित सड़कों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की थी. उन्होंने इसमें इस्तेमाल होने वाले रंगों पर रोक लगाई थी.
Source : News Nation Bureau