नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई अर्जी दाखिल की गई है. इसमें नूपुर शर्मा पर की गई तल्ख टिप्पणियों को वापस लेने की मांग की गई है. इस अर्जी के अनुसार नूपुर के खिलाफ टिप्पणी वापस होनी चाहिए ताकि निष्पक्ष सुनवाई हो सके. गौरतलब है कि जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान काफी तल्ख टिप्पणियां की थीं. इसे लेकर आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणीयों को लेकर CJI को पत्र याचिका दी गई. सामाजिक कार्यकता अजय गौतम द्वारा CJI को दी गई पत्र याचिका में नूपुर शर्मा के खिलाफ जस्टिस सूर्यकांत के द्वारा की गई टिप्पणी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि नुपुर शर्मा को फेयर ट्रॉयल का मौका दिया जाए.
जस्टिस सूर्यकांत द्वारा की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि
1 नूपुर शर्मा ही उदयपुर हत्याकांड की जिम्मेदार है.
2-वह देश में आग के लिए जिम्मेदार है.
3- उन्हें बिना शर्त TV के सामने माफी मांगनी चाहिए थी.
4- शर्मा ने देश के विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया.
5- देश में जो कुछ भी हुआ नूपुर शर्मा ही केवल उसके लिए जिम्मेदार है.
6- दिल्ली पुलिस नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने में नाकाम रही.
7- देश भर में होने वाली घटनाओ के लिए वह अकेले ही जिम्मेदार है.
8- नूपुर शर्मा की हल्की जुबान ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
9- नूपुर का गुस्सा उदयपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है.
इसके अलावा गौतम ने कहा है कि नूपुर शर्मा को जान को खतरा है. इसलिए उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों का दिल्ली ट्रांसफर किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय गौतम ने इस बारे में लेटर पेटिशन दाखिल की है. उन्होंने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से गुहार लगाई है. उन्होंने कहा है कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए नूपुर के खिलाफ जस्टिस सूर्यकांत और पारदीवाला की मौखिक टिप्पणी वापस होनी चाहिए. गौतम का कहना है कि न्यायालय का मौखिक टिप्पणी करना केस को प्रभावित करता है.
HIGHLIGHTS
- सामाजिक कार्यकता अजय गौतम द्वारा CJI को दी गई पत्र याचिका
- कहा कि नुपुर शर्मा को फेयर ट्रॉयल का मौका दिया जाए