पेगासस के ज़रिए कथित तौर पर भारत में विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की जासूसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग की है. संसद से लेकर मीडिया में जासूसी मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO) के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मानसून सत्र की शुरुआत होते ही इस मामले का खुलासा किया गया है. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप कर जासूसी कराई गई उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं.
किस-किस से फोन हुए हैक?
दावा किया गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं. जिनके फोन नंबरों को इजराइली स्पाइवेयर के जरिए हैकिंग के लिए सूचीबद्ध किया गया था. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अप्रैल 2019 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की कर्मचारी और उसके रिश्तेदारों से जुड़े 11 फोन नंबर हैकरों के निशाने पर थे. वहीं चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक जगदीप छोकर और शीर्ष वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग शामिल हैं. इसके अलावा राजस्थान की मुख्यमंत्री रहते वसुंधरा राजे सिंधिया के निजी सचिव और संजय काचरू का नाम शामिल था, जो 2014 से 2019 के दौरान केन्द्रीय मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी के पहले कार्यकाल के दौरान उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) थे. विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का फोन नंबर भी शामिल था.
क्या है पेगासस सॉफ्टवेयर?
पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो संबंधित फोन पर आने-जाने वाले हर कॉल का ब्योरा जुटाने में सक्षम है. यह फोन में मौजूद मीडिया फाइल और दस्तावेजों के अलावा उस पर आने-जाने वाले एसएमएस, ईमेल और सोशल मीडिया मैसेज की भी जानकारी दे सकता है. पेगासस सॉफ्टवेयर को जासूसी के क्षेत्र में अचूक माना जाता है. तकनीक जानकारों का दावा है कि इससे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप भी सुरक्षित नहीं. क्योंकि यह फोन में मौजूद एंड टू एंड एंक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है. पेगासस एक स्पाइवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) है, जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है. इसका दूसरा नाम क्यू-सुईट भी है.
कितना है खतरनाक?
इस सॉफ्टवेटर को किसी भी स्मार्टफोन में सिर्फ एक मिस कॉल के जरिए इसे इंस्टॉल किया जा सकता है. इसे यूजर की इजाजत और जानकारी के बिना भी फोन में डाला जा सकता है. एक बार फोन में पहुंच जाने के बाद इसे हटाना आसान नहीं होता.