घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं के कनेक्शन के आधार सत्यापन पर एक अपडेट सामने आया है. प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. मंत्रालय ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि जिन एलपीजी ग्राहकों का बायोमेट्रिक आधार सत्यापन नहीं हुआ है, उन्हें दी जाने वाली किसी भी सेवाओं-सुविधाओं को रोका नहीं गया है. मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकारी तेल कंपनियां ग्राहकों के सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में जुटी हैं. मंत्रालय का कहना है कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीमों के लिए आधार सत्यापन के जरिए डुप्लीकेशन को रोकने में मदद मिलती है. आधार सत्यापन से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीमों को सटीक और रियल टाइम में ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं.
मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की एसओपी में कहा गया है कि नये कनेक्शन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिफिकेशन जरूरी है. विकसित भारत संकल्प कैंपों के दौरान 35 लाख आधार सत्यापन किया गया है.
ऐसे करवा सकते हैं सत्यापन
बता दें, मंत्रालय ने अक्टूबर 2023 में सरकारी तेल कंपनियों को निर्देश दिए थे कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना और पहल स्कीम के लाभार्थियों का बायोमेट्रिक आधार सत्यापन पूरा किया जाए. घरेलू एलपीजी कस्टमर्स या तो सिलेंडर की डिलिवरी के दौरान, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के शोरूम में या फिर सरकारी तेल कंपनियों के ऐप पर बायोमेट्रिक आधार सत्यापन करवा सकते हैं.
बोगस ग्राहकों की छटाई के लिए सत्यापन आवश्यक
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर एक पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने कहा कि कंपनियां बोगस ग्राहकों की पहचान कर उन्हें हटाने के लिए एलपीजी ग्राहकों का आधार सत्यापन कर रही हैं. बोगस ग्राहकों के नाम पर गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स कमर्शियल सिलेंडर बुक करा देते हैं. हालांकि, यह सत्यापन प्रक्रिया कब तक चलेगी, इसकी निश्चित कोई समयसीमा नहीं है.
Source : News Nation Bureau