राजस्थान: बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, रद्द करने की मांग

बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक (child marriage registration bill) पर विरोध बढ़ता जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) मे इस कानून को रद्द करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है.

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nitu pandey
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : न्यूज नेशन ब्यूरो )

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बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक (child marriage registration bill) पर विरोध बढ़ता जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) मे इस कानून को रद्द करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. इस मामले में स्वाति गोयल शर्मा (पत्रकार) और संजीव नेवार (लेखक) ने सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओ ने बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक पर आपत्ती जताई है और साथ ही इस संशोधन को रद्द करने के लिए गुहार लगाई है. इस जनहित याचिका में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, राजस्थान सरकार और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पक्षकार बनाया गया है, साथ ही जल्द सुनवाई की मांग की गई है. नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) का कहना है कि वो राजस्थान सरकार के इस कानून का विरोध करेगा.

NCPCR ने गहलोत सरका को लिखा पत्र

NCPCR ने इस विधेयक मे संशोधन के खिलाफ गहलोत सरकार को पत्र भी लिखा है. NCPCR के पत्र में यह भी लिखा गया है, "आयोग इस बात से आशंकित है कि बाल विवाह रजिस्ट्रेशन संशोधन विधेयक राज्य में नाबालिगों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और शिक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है."

विवादित विधेयक को 17 सितंबर को विधानसभा में पास कराया गया

राजस्थान सरकार ने इस विवादित विधेयक को 17 सितंबर को विधानसभा में पास कराया है. प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारवाल ने इसे सदन मे पेश किया.

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30 दिन के भीतर सूचना रजिस्ट्रेशन अधिकारी को देनी होगी

इस विधेयक में यह प्रावधान है कि अगर शादी के वक्त लड़की की उम्र 18 साल से कम और लड़के की उम्र 21 से कम है तो उसके माता-पिता को 30 दिन के भीतर इसकी सूचना रजिस्ट्रेशन अधिकारी को देनी होगी. 

बाल विवाह की दर बढ़ता जा रहा है

देशभर मे बाल विवाह के मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के मुकाबले 2020 में बाल विवाह के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है.

चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत 785 मामले सामने आए है

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में देशभर में प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत 785 मामले सामने आए है, वहीं 2019 में 525 मामले प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत दर्ज हुए थे.

HIGHLIGHTS

  • बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक के खिलाफ पीआईएल दाखिल
  • सुप्रीम कोर्ट में विधेयक को रद्द करने के लिए पीआईएल दाखिल
  • NCPCR भी इस विधेयक का कर रहा विरोध, गहलोत सरकार को लिखा पत्र

Source : Khushboo

Supreme Court rajasthan child marriage registration bill
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