ईवीएम हैकेथॉन से पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट में इसे रोके जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग की तरफ से 3 जून को हैकेथॉन का आयोजन किया जाना था, जो अब तय समय पर ही होगा।
हालांकि याचिका दायर होने के बाद हैकेथॉन को लेकर आशंका के बादल मंडरा रहे थे। हाई कोर्ट की एक बेंच ने पहले इस पीआईएल को सुनने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट के दूसरे बेंच में पीआईएल को दाखिल किया। याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
विपक्षी दलों की तरफ से ईवीएम को हैक कर किसी एक राजनीतिक दल विशेष को फायदा पहुंचाने के आरोप के बाद चुनाव आयोग ने कल हैकेथॉन का आय़ोजन किया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने ईवीएम की हैकिंग को लेकर सवाल उठाया था।
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इसके बाद अन्य दलों ने भी हैंकिंग को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था। हालांकि इस सर्वदलीय बैठक से पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा में हैकिंग का लाइव डेमो देकर सनसनी मचा दी थी।
हालांकि पार्टी ने चुनाव आयोग के हैंकिंग कार्यक्रम में भाग लेने से मना कर दिया है।
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इस हैकेथॉन में भाग ले रही हैं।
इससे पहले 16 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था।
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HIGHLIGHTS
- ईवीएम हैकेथॉन से पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट में इसे रोके जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है
- चुनाव आयोग की तरफ से 3 जून को हैकेथॉन का आयोजन किया गया है
Source : News Nation Bureau